अनुराग पाण्डेय
डेस्क: ग्रहण एक खगोलीय घटना है लेकिन धर्म और ज्योतिष शास्त्र में इसका खास महत्व माना जाता है। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है। जब भी सूर्य ग्रहण की घटना घटित होती है तो इसका प्रभाव पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव धारियों पर पड़ता है। सूर्य ग्रहण देखने में बहुत ही सुंदर लगता है। हालांकि सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखना नुकसानदायक होता है।
बताते चले कि ग्रहण के दौरान कभी-कभी सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के बीच ऐसी स्थिति आ जाती है जब चंद्रमा पूर्ण रूप से सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक जाने से कुछ समय के लिए रोक लेता है। इस स्थिति में चंद्रमा की पूर्ण छाया पृथ्वी पर पड़ती है जिससे लगभग अंधेरा सा प्रतीत होता है। सूर्य की इस अवस्था को पूर्ण सूर्यग्रहण कहा जाता है।
8 अप्रैल को लगने वाला साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण पश्चिमी यूरोप पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका (अलास्का को छोड़कर), कनाडा, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भागों में, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में दिखाई देगा। भारत में दिखाई ना देने की वजह से ना तो इसका धार्मिक महत्व होगा और न ही इसका सूतक काल माना जाएगा।
इन बातो का रखे ध्यान
सूर्य ग्रहण के दौरान घर से बाहर बिल्कुल भी ना निकलें और घर में ही रह कर ईश्वर की आराधना करें। सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखना चाहिए। कोई भी ऐसा कार्य ना करें जिससे आपको शारीरिक समस्या का सामना करना पड़े। गर्भवती महिलाओं को इस दौरान किसी भी नुकीली चीज जैसे कि चाकू,सुई और कैंची के इस्तेमाल से बचना चाहिए। सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। ग्रहण काल में भगवान के मंत्रों का जाप करना लाभदायक रहता है।
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