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हरियाणा के अंबाला ज़िले की पुलिस ने कहा- ‘किसान आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों की संपत्ति कुर्क करके होगी

आदिल अहमद

डेस्क: हरियाणा के अंबाला ज़िले की पुलिस ने कहा है कि वह किसान आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों की संपत्तियों की कुर्की और उनके बैंक अकाउंट को सीज़ करके करेगी।

गुरुवार देर रात को अंबाला पुलिस ने बयान जारी कर बताया, “शंभू बॉर्डर पर किसान संगठनों के दिल्ली कूच को लेकर बैरिकेड तोड़ने के हर प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस पर पत्थरबाज़ी और हुड़दंगबाज़ी करके क़ानून व्यवस्था को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। आंदोलनकारियों द्वारा सरकारी और निजी संपत्तियों को किए गए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। प्रशासन ने पहले ही सतर्क किया था कि आंदोलन के दौरान सरकारी, निजी संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई आंदोलन करने वालों की संपत्ति और बैंक अकाउंट को सीज़ करके की जाएगी।”

पुलिस का कहना है कि सर्वोच्च न्यायल के आदेशानुसार संशोधित लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 के तहत आंदोलन का अह्वान करने वाले और संगठन के पदाधिकारियों को नुकसान के लिए ज़िम्मेदार माना जाता है। साथ ही हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम 2021 के अनुसार नुकसान करने वालों की संपत्ति कुर्क कर और बैंक अकाउंट को सीज़ कर नुकसान की भरपाई करने का प्रावधान है।

बताते चले किसान 13 फरवरी से अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की तरफ आने की कोशिश कर रहे हैं। पंजाब को हरियाणा से जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर पर उन्हें रोका गया है। बुधवार को एक 21 साल के प्रदर्शनकारी युवक की मौत हो गई थी। मौत की वजह की जांच जारी है। इसके बाद दो दिन के लिए मार्च को रोक दिया गया। किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को युवक की मौत के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है और गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफ़े की मांग की है। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य को क़ानूनी गारंटी बनाए जाने सहित कुछ अन्य मांगों को लेकर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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