ए0 जावेद
डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सुनवाई के दौरान कहा कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया इस बारे में सिर्फ चुनिंदा जानकारी साझा नहीं कर सकता। उसे उन सभी जानकारियों को साझा करना होगा, जिसके बारे में अंदाज़ा लगाया जा रहा है। इनमें बॉन्ड के अल्फान्यूमरिक नंबर और सीरियल नंबर भी शामिल हैं।
चीफ़ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली पांच जजों की बेंच ने सोमवार को अपने फ़ैसले में कहा कि स्टेट बैंक इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी साझा करे। वो इस मामले में किसी और आदेश का इंतज़ार न करे। पिछले सप्ताह शीर्ष अदालत ने इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े केस की सुनवाई करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से पूछा था कि उसने बॉन्ड के अल्फा न्यूमेरिक नंबरों की जानकारी क्यों नहीं दी। शीर्ष अदालत ने कहा था कि उसने नंबरों की जानकारी देने का निर्देश दिया था। फिर भी ऐसा नहीं किया गया। एसबीआई का ये काम था और उसे ये करना ही था।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक बड़े फैसले में केंद्र की इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम ख़ारिज कर दी थी। कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया था। अदालत ने कहा था कि चुनाव आयोग इस संबंध में स्टेट बैंक से मिली सभी जानकारियां साझा करे। इसके बाद चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर बॉन्ड खरीदारों और उन राजनीतिक दलों का ब्योरा दिया था जिन्होंने ये बॉन्ड भुनाए थे। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ही एक मात्र अधिकृत वित्तीय संस्थान है, जहां से इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे जा सकते थे।
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