जगदीश शुक्ला
डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बार फिर मुसलमानों पर टिप्पणी करते हुए कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ पर निशाना साधा है। राजस्थान के टोंक में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी दलितों और पिछड़ों का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देना चाहती है। इसके अलावा उन्होंने दो दिन पहले राजस्थान के बांसवाड़ा में दिया अपना वो बयान भी दोहराया, जिसे लेकर कांग्रेस का कहना है कि पीएम देश में नफरत के बीज बो रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी ने कोई नई बात नहीं कही, हमेशा कहते हैं। आज भी कह दिया। उन्होंने कहा कि मुसलमान बच्चे बहुत पैदा करते हैं। अब हम आपके लिए मोदी जी के इस भाषण का पोस्टमार्टम करते हैं। मोदी के बयान की सच्चाई यह है कि भारत में मुस्लिम मां और बहनों का फर्टिलिटी रेट 2.36 है, यह कम हुआ है। यानी मुसलमान जो बच्चे पैदा कर रहे हैं, वो कम हुआ है। हमारे हिंदू भाई बहनों का जरूर उससे कम है लेकिन हमारा कम हुआ है। मगर मोदी जी क्या बोलते कि बच्चे बहुत ज्यादा पैदा कर रहे हैं।’
ओवैसी कहते है कि ‘मोदी जी आप कितने भाई हैं? छह। अमित शाह की कितनी बहने हैं? छह। रविशंकर के कितने भाई-बहन? सात। मगर इन सबको नजर आता है कि मुसलमान बहुत बच्चे पैदा कर रहे हैं। दूसरा उन्होंने कहा कि घुसपैठिए हैं। 15 जुलाई 2014 को सरकार ने संसद में इस तरह का कोई जवाब नहीं दिया। कोई एस्टिमेट नहीं है। 25 नवंबर 2014 को सरकार ने कहा कि कोई डेटा नहीं है। 6 दिसंबर 2016 को सरकार ने कहा कि कोई कंफर्म डेटा नहीं है कि बांग्लादेश से कितने लोग आ रहे हैं।’
ओवैसी आगे कहते है कि ‘22 दिसंबर 2015 को लोकसभा में संसद में सरकार ने कहा कि हमारे पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। 21 मार्च 2017 को मोदी सरकार ने कहा कि डेटा उपलब्ध नहीं है। 11 अप्रैल 2017 को सरकार ने कहा कि डेटा नहीं है कि बांग्लादेश से कितने लोग आ रहे हैं। 1 अगस्त, 2017 को, 20 मार्च 2018 को, 2 जुलाई, 2019 और 3 मार्च 2020 को वही जवाब दिया कि हमारे पास डेटा नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘मोदी जी आप किस बुनियाद पर हमको घुसपैठिए कह दिए। मोदी जी का जवाब सुनो। हम उनको जवाब दे रहे हैं कि अगर हमारे दक्षिण भारत के जो प्रदेश हैं, वहां पर बच्चे भी कम पैदा हो रहे हैं। सबसे ज्यादा पैसा भारत सरकार को मुंबई और दक्षिण भारत से मिलता है। मोदी जी आप देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं। आप देश को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। अगर दक्षिण भारत के लोग बोलना शुरू कर दें कि हमारे पास संसद की सीटें कम हैं, हम बच्चे भी कम पैदा कर रहे हैं, पैसे भी ज्यादा दे रहे हैं, तो तुम क्या जवाब दोगे?’
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