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आज़म खान की सज़ा पर बोली उनकी पत्नी तन्जीन फातिमा ‘सबूतों के आधार पर सजा नही हुई है, बल्कि सजा देना था इसीलिए सज़ा हुई है’

एच0 भाटिया

रामपुर: गुरुवार को समाजवादी पार्टी के नेता आज़म ख़ान को रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सज़ा सुनाई और साथ ही 14 लाख का जुर्माना भी लगाया है। इस पर उनकी पत्नी तज़ीन फ़ातिमा ने कहा है कि आज़म ख़ान को सज़ा सबूतों के आधार पर नहीं मिली बल्कि उन्हें सज़ा देनी ही थी इसलिए दी गई।

उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘कल जो 10 साल की सज़ा सुनाई गई है वो नाइंसाफ़ी की चरम सीमा है। आज़म ख़ान मंत्री थे लेकिन उनका इससे कोई लेना देना नहीं था। ये एक सरकारी की योजना थी और डीएस-एसडीएम के आदेश से मकान बने थे।’

उन्होंने कह कि ‘अख़बारों ने लिखा था कि आज़म ख़ान के आदेश पर मकान तोड़े गए, मैं ये बताना चाहती हूं कि व्यक्ति विशेष के इशारों पर सज़ा नहीं मिलती बल्कि सज़ा सबूतों के आधार पर मिलती है और आज़म ख़ान के खिलाफ़ ऐसे कोई सबूत नहीं मिले जिसमें उन्होंने लूट-डकैती की हो या लूट का माल उनके यहां से बरामद किया गया हो। फिर भी उन्हें सज़ा मिली क्योंकि उन्हें सज़ा देनी ही थी।’

आज़म खान पर साल 2019 में डूंगरपुर बस्ती को जबरन खाली कराने और लोगों को धमकाने के मामले में मुक़दमा दर्ज हुआ था। इस मामले में आज़म खान और बरकत अली ठेकेदार को रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने गुरुवार को दोषी करार देते हुए सज़ा सुनाई।

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