Bihar

निरंकुशता की हदे हुई पार, बिहार पुलिस ने अपराध की पूछताछ के दरमियान आरोपियों के प्राइवेट पार्ट में डाल दिया पेट्रोल, 6 की हालत बिगड़ी तो करवाया अस्पताल में भर्ती, घटना की जाँच का हुआ आदेश

मो0 कुमेल

डेस्क: भागलपुर के थाना गोराडीह में तैनात पुलिसकर्मियों पर पूछताछ के नाम पर थर्ड डिग्री टॉर्चर करने का संगीन इल्जाम लगा। मर्डर केस में जिन सात लोगों को पुलिस उठाकर लाई थी थाने में गुनाह कबूल करवाने के लिए उनके साथ पुलिस ने सितम ढाने की तमाम हदों का पार कर दिया। जिसके बाद सभी लोगों को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। इल्जाम है कि पुलिस ने उन लोगों की न सिर्फ बेहिसाब पिटाई की बल्कि उनके प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डाल दिया। जिसकी वजह से सभी की हालत खराब हो गई और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

पुलिस ने एक हत्या की वारदात के सिलसिले में पूछताछ के लिए एक शख्स को पकड़ा। लेकिन उससे जुर्म कबुलवाने की कोशिश में इस कदर पुलिस ने सितम ढाए कि हद ही पार कर डाली। मारना पीटना तो मामूली बात थी। पुलिस ने उस शख्स के प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल ही डाल दिया। इस किस्से की शुरूआत  होती है 14 जून को। उस रोज गांव के रहनेवाले सुमेश मंडल नाम के एक शख्स की कुछ बदमाशों ने हत्या कर दी। हत्या की इस वारदात की शिकायत मरने वाले के बेटे ने ही थाने में दर्ज करवाई। अपनी शिकायत में उसने गांव के ही रहने वाले एक लड़के पर शक जाहिर किया था।हत्या की इस वारदात ने पहले ही गांव वालों को गुस्से से भर दिया था और उनका गुस्सा शांत करने के लिए पुलिस पहले ही मशक्कत के एक दौर से गुज़र चुकी थी।

इस वजह से हत्या की वारदात पूरे महकमें के लिए नाक का सबब बनी हुई है। FIR में मृतक के बेटे ने जिन लोगों पर शक जाहिर किया था पुलिस ने जब उनके बारे में पता लगाया तो शक और गहरा गया लिहाजा पूछताछ के सिलसिले में पुलिस सात लोगों को थाने लेकर आ गई। जहा आरोप है कि गुनाह कबूल करवाने के लिए सभी आरोपियों के प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डाल दिया। गोराडीह पुलिस के इस कारनामे की खबर जैसे ही थाने से बाहर निकली पूरा इलाका सदमे और दहशत में डूब गया। पीड़ितों का कहना है कि 6 लोगों का इलाज तो मायागंज के हॉस्पिटल में चल रहा है लेकिन सातवें शख्स को पुलिस ने अब भी थाने में ही रखा है।

पीड़ितों ने बताया कि उन लोगों को थाने के एक कमरे में बंद करके जानवरों की तरह पीटा गया। पीड़ितों का दावा है कि उस मर्डर के केस में उनका कोई लेना देना नहीं है। उनका कहना है कि हत्या के आरोप कबूल करवाने के लिए पुलिस ने हाथ-पैर बांधकर करंट भई लगाया और प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डालकर बेहाल कर दिया। जब थाने की इस करतूत के बारे में लोगों को पता चला तो गांव के लोगों ने पुलिस के आला अफसरों से संपर्क किया। सिटी एसपी का कहना है कि पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद जांच SDPO को सौंपी गई है। एसपी सिटी ने भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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