तारिक़ आज़मी
वाराणसी: वाराणसी नगर निगम खुद के स्मार्ट होने का दावा करता रहता है। मगर ज़मीनी हकीकत ये है कि कई इलाके बनारस के ऐसे है जो मुलभुत सुविधाओ के लिए भी जद्दोजेहद कर रहा है। ऐसा ही एक इलाका है आदिविशेश्वर वार्ड। विश्वनाथ कोरिडोर के इलाके में आने वाले इस वार्ड का दालमंडी इलाका इस वक्त सीवर और पीने के पानी की मुलभुत समस्याओं से जूझ रहा है।
बहरहाल साहब, ये तो सियासी आरोप प्रत्यारोप हो सकता है मगर ज़मीनी हकीकत ये है कि मुलभुत सुविधाओं के लिए ये इलाका कैसा संघर्ष कर रहा है, इसको वहा के बहते सीवर से देखा जा सकता है। आज इसी सीवर समस्या को लेकर खुद के सर ताज पहनने की जद्दोजेहद में भाजपा और सपा नेता आपस मे भिड पड़े। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आपस में पहले ‘तू तड़क’ से शुरू हुई बातचीत थोड़ी ही देर में ‘तेरी-तेरी’ में बदल गई। जिसके बाद दोनों नेता द्वय आमने सामने आ गये और धक्कम धुक्का भी हुई। जिसके बाद थाने पर पंहुचा मामला सुलह के साथ समाप्त हुआ।
दरअसल हुआ कुछ ऐसा कि कच्ची सराय जिसको सरकारी कागजों में सराय सिताब राय के नाम से संबोधित किया जाता है और वही भाजपा नेता आसिफ शेख का आवास भी है पर एक सीवर काफी समय से अपनी बदकिस्मती पर आंसू बहा रहा था। वैसे तो भाजपा नेता आसिफ शेख जन्नत में भी सत्ता दिलवाने का दावा कर देते है, बस इस बहते पनारे को नही ठीक करवा पाने की फुर्सत रहती थी। सूत्रों का दावा है कि सपाइयो ने मिलकर कोशिश किया और आज यह सीवर लाइन ठीक हो रही थी। इसके मरम्मत और सफाई के समय सपा नेता राशिद सिद्दीकी भी मौजूद थे।
इसी समय भाजपा नेता आसिफ शेख आये। सूत्र कहते है कि आसिफ शेख आकर भाजपा पार्षद इन्द्रेश कुमार की तारीफ में कसीदा पढने लगे कि उनके द्वारा कार्य करवाया जा रहा है। जबकि राशिद सिद्दीकी ने कहा कि उन्होंने और उनके पार्टी नेताओं ने मेहनत का फल ये है तो इसका अवार्ड हमको चाहिए। बस इसी बात पर दोनों पक्षों पर शुरू हुई बहस थोड़ी देर में अपनी मर्यादाओं की सीमाओं को लाघ कर एक दुसरे के ज़मीरी मुल्क को तबाह करने के लिए बेचैन हो गई। बताया जाता है कि इस दरमियान धक्का मुक्की भी हुई।
बात बढे इसके पहले आसपास के लोगो ने धक्का मुक्की करते सपा और भाजपा नेताओं को अलग थलग किया। मामले को अपनी शान से जोड़ते हुवे आसिफ शेख ने थाने की शरण लिया और कई गंभीर अआरोप राशिद सिद्दीकी पर लगा डाले। वही राशिद सिद्दीकी भी कहा इस बार कमज़ोर पड़ते उनके भी सांसद 2024 में जीते है और सदन में अच्छी खासी ताय्दात रखते है। बस राशिद सिद्दीकी भी अपने पार्टी के नेताओं सहित थाने पहुचे और मामले में चढ़ा उपरी होने लगी। कभी भाजपा का पल्ला भारी हो तो कभी सपा का।
इस दरमियान आसिफ शेख का आरोप था कि उनको राशिद सिद्दीकी ने मारा है। पुलिस ने कैमरों की जाँच किया तो नज़र आया कि धक्का मुक्की हुई है, दोनों पक्षों के तरफ से, मगर मारपीट के साक्ष्य उपलब्ध नही मिले। इसके बाद सपा का पलड़ा भारी पड़ने लगा तो समझदार लोगो ने समझा कर दोनों पक्षों को सुलाह पर राज़ी कर लिया। मगर इसी बीच सूत्र बताते है कि भाजपा के सत्ता का सहारा लिए खड़े आसिफ शेख ने कह डाला कि ‘अगर लोग समझाते नही तो आज राशिद सिद्दीकी को जेल भेज देते’। जिससे अपनी अना को ठेस लगने पर आग बगुला हुवे सपा नेता भी भसड काट बैठे कि नहीं अब तुम जेल भेज ही दो।
बात अपने हाथो से जाती देख सत्ता बरक़रार रखने के लिए गठबंधन की तैयारी हुई। क्योकि समर्थन दुकानदारों का राशिद सिद्दीकी के तरफ जाता दिखाई दे रहा था। फिर मामले में सरकार बचाना की बात बन गई और दोनों पक्षों ने सुलह कर लिया तथा मामला थाने से फिलहाल तो ख़त्म हो गया है, मगर गुरु बात ई अभी एक पक्कड़ और होने की संभावना से कोई इंकार नही कर सकता है। क्योकि टशन तो दोनों में बरक़रार है और ये टशन व्यापार मंडल चुनाव से चली आ रही है, जिसमे आरोप है कि भाजपा नेता शकील भाजपा ने बेईमानी से राशिद सिद्दीकी को जित्वा दिया था जबकि इस खड्मंडल वाले व्यापार मंडल में चुनाव लडे आसिफ शेख चुनाव हार गए थे। जिसके बाद हमारी खबरों ने इस व्यापार मंडल को खड्मंडल कर दिया था क्योकि ये एक कालातीत संस्था थी।
ऐसे में आसिफ शेख ने एक और संस्था पंजीकृत करवाया और बनारस व्यपार समिति बना डाला जिसके अध्यक्ष मो0 साजिद उर्फ़ गुड्डू मुरमुर है। इस संस्था में काफी कारोबारी जुड़े है, मगर आसिफ शेख के साथ गुड्डू मुरमुर की नजदीकियां भाजपा से बढ़ने के कारण व्यापारियों में असंतोष भी है। जिससे एक बार फिर से व्यापार मंडल की जड मजबूत होने की सम्भावना बरक़रार है। ऐसे में अपनी अपनी सियासी गोटियाँ मजबूत करने के चक्कर में एक पक्कड़ और भी होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। वैसे तब तक आप दालमंडी का बहता हुआ पनारा देख कर भी काम चला सकते है।
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