ईदुल अमीन
डेस्क: दलितों और आदिवासी संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद किया है। ये एलान अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के विरोध में किया गया। देश के कई हिस्सों में इसका असर दिख रहा है। पीटीआई के अनुसार, बिहार के जहानाबाद में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई।
पटना में पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। पटना के डिप्टी एसपी अशोक कुमार ने कहा, ‘ये शांतिपूर्ण प्रदर्शन नहीं थे। ये लोग कानून व्यवस्था को अपने हाथों में ले रहे थे। इन्होंने यातायात व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया। आम लोगों का आना जाना मुश्किल हो गया था। हमने लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने नहीं समझा। इसलिए हमें हल्का बल प्रयोग करते हुए उन लोगों को हटाना पड़ा।’
पीटीआई के अनुसार, झारखंड के रांची में भी भारत बंद का असर दिखा। यहां निजी बस सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। जिसके चलते आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जयपुर के अल्बर्ट हॉल से दलित संगठन रैली निकालेगा। इसे देखते हुए आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) को तैनात किया गया है। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) में राज्य मंत्री जयंत सिंह चौधरी ने भारत बंद पर कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी थी, इसके बाद कानून मंत्री ने संसद में इस पर स्पष्टीकरण भी दिया। कैबिनेट ने भी अपनी राय स्पष्ट की है, तो अब कुछ और नहीं बचा है।’ समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने इस बंद का समर्थन किया है।
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