Varanasi

‘वक्फ अमेंडमेंट बिल 2024 की मुखालफत क्यों?’ के जवाब में बोले ज्ञानवापी मस्जिद की देख रेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एस0एम0 यासीन ‘मौजूदा सरकार की रीत और नीत हमेशा से मुस्लिम विरोधी’, मुस्लिम समाज से किया अपील ‘कही देर न हो जाए?’

शफी उस्मानी संग माही अंसारी

वाराणसी: मुस्लिम समाज के द्वारा वक्फ अमेंडमेंट बिल 2024 का लगातार विरोध चल रहा है। तमाम मुस्लिम संगठन और मुस्लिम नुमाइंदगी करने वालो के द्वारा इस अमेंडमेंट बिल का विरोध जारी है। इस मुताल्लिक हमने ज्ञानवापी मस्जिद की देख रेख करने वाली संस्था अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन से बात किया। हमारे द्वारा किये गए सवाल ‘वक्फ अमेंडमेंट बिल 2024 की मुखालफत क्यों?’ के जवाब में उन्होंने जमकर मौजूदा सरकार की नीति और नीयत पर निशाना साधा।

एसएम यासीन ने कहा कि ‘मौजूदा सरकार की रीत और नीत हमेशा से मुस्लिम विरोधी रही है। मुसलमानों को बेइज़ज़त करने का कोई भी हथकंडा अपनाने में कोई कमी नहीं रही है। सड़कों पर गालियां देने से लेकर मारकाट की धमकी, तरह-तरह के दुष्प्रचार के हथकंडों का इस्तेमाल किया जा रहा है| जैसा कि आजकल एक पर्चा जिस पर मुख्यमंत्री की फोटो भी है खूब बंट रहा है, पैगंबर के शान में गुस्ताखी। इन सब पर आम मुसलमान बर्दाश्त करता जा रहा है।’

उन्होंने आगे कहा कि ‘आखिर कब तक? हम पुलिस से शिकायत दर्ज कराने जाते हैं, मगर सुनवाई नहीं होती है। लेकिन कोशिश तो करते हैं। सरकार तथा साम्प्रदायिक शक्तियों की एक नई साज़िश वक्फ बिल के रूप में सामने आई है। तमाम मुस्लिम संगठन पर्सनल ला बोर्ड, जमीयत उलमा-ए-हिन्द, जमात-ए-इस्लामी, बनारस की अंजुमन इन्तेज़ामिया मसाजिद कमेटी ने लिखित विरोध तो जता दिया है।’

उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील करते हुवे कहा कि ‘अन्य संगठन या पब्लिक ने अभी इस पर कम तवज्जोह दिया है| केवल 13 सितम्बर तक करोड़ो विरोध पहुच जाना चाहिए था, पर केवल कुछ लाख ही पहुंचा है। यह मौका विपक्ष की वजह से हमें मिला है कि जेपीसी ने संगठन तथा आम से राय मांगी है। इस अवसर का फायदा उठाएँ। वर्ना इस नुकसान की भरपाई कभी नहीं हो पाएगी।‘

अपनी अपील में एसएम यासीन ने कहा कि ‘केवल उत्तर प्रदेश में लगभग एक लाख कब्रिस्तान हैं। कितनों के पास वक्फ नामा होगा, नहीं मालूम। दफ्न के लिए जगह भी नहीं मिलेगी कि नही। इसलिए अपील है कि कैंप लगाकर विरोध दर्ज कराया जाए। चाहे लिखित या मोबाइल के द्वारा, जल्दी करें कहीं देर न हो जाए। 13 सितमबर दूर नहीं।‘

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