प्रमोद कुमार
डेस्क: भुवनेश्वर में एक आर्मी अफसर की मंगेतर के साथ थाने में पुलिसवालों की बदसलूकी का मामला अब तूल पकड़ता दिख रहा है। एक ओर जहां मुख्यमंत्री मोहन चरन मांझी ने पूरी घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिये हैं वहीं दूसरी ओर यौन शोषण की शिकार महिला ने इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू में चौंकाने वाले खुलासे किये हैं। पीड़िता, जो पेशे से एक वकील होने के साथ-साथ एक बिजनेसवुमेन भी है, ने बताया कि जब रोड रेज का शिकार होने के बाद वो इसकी शिकायत करने थाने पहुंचीं तो उनकी मदद करने के बजाए पुलिसवालों ने एक गैंग बना कर उल्टा उन्हीं को प्रताड़ित करना शुरु कर दिया।
बाद में, आर्मी के अफसरों के दखल देने के बाद मामला सोशल मीडिया और फिर मेनस्ट्रीम मीडिया तक पहुंचा। इसी के बाद ओडिशा सरकार की ओर से न्यायिक जांच के आदेश दिए गये जबकि भरतपुर थाने के पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया। हालांकि इस सबके बाद सोशल मीडिया पर महिला और उनके साथी के कई और वीडियो वायरल हुए जिन्हें सामने रख उन्हें कुसूरवार साबित करने की कोशिश की गई। सरकार अब जूडीशियल जांच के जरिये घटना के सभी पहलुओं की पड़ताल कर कार्रवाई की बात कह रही है। फिलहाल पीड़ित महिला उस रात हुई दिल दहला देने वाली घटना से उबरने के लिए इलाज और थेरेपी ले रही है।
आर्मी के जिस मेजर के साथ महिला की शादी होने वाली थी उन्हें पुलिसवालों ने जबरन लॉकअप में बंद कर दिया जबकि महिला को दूसरे कमरे में ले जाकर उनका यौन उत्पीड़न किया गया। पीड़िता ने बताया कि पुलिस ने उसके साथ किस तरह मारपीट की, उनका गला दबाया और बेरहमी से उनके बाल खींचे। पीड़िता का कहना है कि इस मारपीट में उनका एक दांत भी टूट गया, जिसे एक महिला पुलिस अफसर ने बेपरवाही से थाने के बाहर फेंक दिया। लेकिन सबसे चौंकाने वाला वाकया तब हुआ जब रात भर हाथ पैर बांध कर कमरे में बंद की गई पीड़ित महिला के कमरे में अगली सुबह एक पुरुष पुलिस अधिकारी पहुंचा।
पीड़िता का आरोप है कि उसने उनकी ब्रा ऊपर खींची और पैंट नीचे कर उन्हें निर्वस्त्र कर दिया और फिर पैरों में पहने जूतों से उनकी छाती पर ठोकरें मारीं। ये सिलसिला करीब 20 मिनट तक चलता रहा। हैरानी की बात ये है कि इस तरह का सुलूक उनके साथ तब हुआ जब महिला ये बता चुकी थी कि वो सेना से रिटायर्ड एक ब्रिगेडियर की बेटी और सेना के एक सरविंग अफसर की मंगेतर है। महिला ने आगे ये भी आरोप लगाया है कि थाने के अंदर हुए इस हमले के दौरान, एक और पुरुष अधिकारी ने उनके चेहरे पर अपना प्राइवेट पार्ट लगाया और उनसे अपमानजनक सवाल पूछे।
हैरत की बात है कि पुलिसवालों ने एक महिला को सुरक्षा देने और मदद करने के बजाए न सिर्फ बेइज्जत किया बल्कि हदों को पार कर बुरी तरह से टॉर्चर किया। महिला का दावा है कि उसका कुसूर सिर्फ इतना है कि बतौर वकील उन्होंने पुलिसवालों को उनका फर्ज याद दिलाया और बतौर शिकायतकर्ता अपने अधिकार बताए और रोड रेज की घटना के दौरान उन पर हमला करने वाले लड़कों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा जिसकी वजह से पुलिसवाले नाराज हो गए और उन्होंने उसके साथ बदले की ये कार्रवाई की।
हालांकि पीड़िता महिला ने कहा है कि वो इस घटना से डरी नहीं हैं और इस घटना को झूठा बताकर उनके कैरेक्टर पर कीचड़ उछाली जा रही है ताकि पुलिसवालों को बचाया जा सके और उनके आरोपों को कम कर के आंका जा सके। पीड़िता कहती हैं कि सोशल मीडिया पर इस तरह की अफवाहों और अटकलों से वो कमजोर नहीं पड़ेंगी। और इस मामले में दोषी पुलिसवालों को सजा दिलवा कर ही दम लेंगी। सोशल मीडिया पर उस रात उनके शराब के नशे में होने के आरोप पर उन्होंने उल्टा पूछा कि भारत में क्या शराब के दो ड्रिंक पीने की मनाही है? उस रात हुई घटना ने पीड़िता के दिमाग पर गहरा असर छोड़ा है।
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