फारुख हुसैन
डेस्क: झारखंड में एक्साइज़ कॉन्स्टेबल पुलिस भर्ती परीक्षा के फ़िटनेस टेस्ट के दौरान अभ्यर्थियों की मौत का मामला सामने आया है। पीटीआई के मुताबिक़, इस मामले में झारखंड पुलिस का कहना है कि अलग-अलग केंद्रों पर कुल 11 अभ्यर्थियों की मौत हुई है। ये भर्तियां एक्साइज़ कॉन्स्टेबल के पद के लिए हो रही थीं।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने एएनआई से कहा, ‘ये हेमंत सोरेन सरकार की राज्य प्रायोजित हत्याएं हैं। उन्होंने झारखंड के युवाओं के रोज़गार के लिए कुछ नहीं किया। अब जब चुनाव आ रहे हैं तो उन्होंने ये भर्ती अभियान शुरू किया।’ पूनावाला ने कहा, ‘युवाओं को पूरी रात इंतज़ार करवाया गया और अगले दिन उन्हें अधिक तापमान में कई किलोमीटर तक दौड़ने को कहा गया। उनके लिए पानी, एंबुलेंस और स्वास्थ्य से जुड़ा कोई इंतज़ाम नहीं था। लापरवाही हुई है और इसी वजह से 11 अभ्यर्थियों ने अपनी जान गंवाई।’
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए। झारखंड बीजेपी के प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने पीटीआई से कहा, ‘ये हत्याएं सिस्टम ने की हैं। हम इसे मौत नहीं मानते। सरकार नौकरी देने की बात करती है लेकिन मौत मिल रही है। हमारी सूचना के अनुसार 2-3 दर्जन लोगों की मौत हुई है लेकिन सरकारी आंकड़े एक दर्जन की बात कर रहे हैं। 200 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं, क़रीब 100 आईसीयू में हैं। सरकार ने कोई इंतज़ाम नहीं किया। अभ्यर्थियों को रात में 10 बजे तक लाइन में लगना पड़ता है। इनकी दौड़ने की बारी सुबह 10 बजे आती है। इस उमस भरी गर्मी में लगातार मौतें हो रही हैं। वहां डॉक्टर, फर्स्ट एड और एंबुलेंस तक की सुविधा नहीं थी। 500 लोगों को नौकरी देने के नाम पर 600 लोगों की जान खतरे में डाली गई है।’
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