आदिल अहमद
डेस्क: तमिलनाडु के गवर्नर आरएन रवि ने कहा है कि धर्मनिरपेक्षता यूरोपीय अवधारणा है। यही वजह है कि ये पहले भारतीय संविधान का हिस्सा नहीं था। बाद में एक ‘असुरक्षित प्रधानमंत्री’ ने इसे इमरजेंसी के दौरान संविधान में जुड़वाया। राज्यपाल ने तमिलनाडु में एक दीक्षांत समारोह के दौरान कहा कि इस देश के लोगों के साथ कई फ़र्जीवाड़े हुए हुए हैं और उनमें से एक धर्मनिरपेक्षता की ग़लत व्याख्या है।
कांग्रेस ने इसे बेहद आपत्तिजनक और अस्वीकार्य करार दिया है। वहीं माकपा नेता वृंदा करात ने इसे शर्मनाक कहा है। उन्होंने कहा कि रवि जैसे व्यक्ति को तुरंत राज्यपाल पद से हटा देना चाहिए।
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