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लखीमपुर खीरी: बोले सीडीओ ‘पराली को जलाएं नहीं, करें इसका बेहतर उपयोग’

फारुख हुसैन

लखीमपुर खीरी: किसानों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण के उद्देश्य से बुधवार को सीडीओ अभिषेक कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में “किसान दिवस” का आयोजित हुआ। इस दौरान किसानों ने अधिकारियों के सामने समस्याएं रखीं। सीडीओ ने अफसरों को किसानों की समस्याओं का समय से व गुणवत्तापरक निस्तारण कराने का निर्देश देते हुए मौजूद किसानों को पराली ना जलाए जाने का संकल्प दिलाया।

सीडीओ ने कहा कि किसानों की समस्याओं का निदान शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए शासन-प्रशासन करते संकल्पित होकर काम कर रहा। इसके लिए केंद्र एवं प्रदेश सरकार किसानपरक योजनाओं के जरिए उन्हें समृद्ध बनाने के लिए नित नए कदम उठा रही है। शासन पराली जलाने की घटनाओं को लेकर काफी गंभीर है। कई किसान भाई जानकारी के अभाव में फसल अवशेष जैसे धान की पराली, गन्ने की पत्ती आदि जला देते है, इससे फसल अवशेषों को जलाने से वातावरण पर दुष्प्रभाव पड़ने के साथ अन्य कई प्रकार की हानियां हो रही है।

उन्होंने मौजूद किसानों की न केवल समस्याएं सुनी बल्कि निराकरण के संबंध में मौजूद अफसरों को निर्देश दिए। अधिकारी अपने स्तर से किसानों की जिन समस्याओं का समाधान न कर सके, उसके बारे में अवगत कराएं ताकि उनका समाधान उचित फोरम पर कराया जा सके। किसान दिवस किसानों की समस्याओं के निस्तारण के लिए एक बेहतर मंच प्रदान करता है। इस दिवस पर किसान अपनी समस्याओं को न केवल निस्तारण करा सकते हैं बल्कि विशेषज्ञों से अपनी सभी जिज्ञासाओं को भी शांत कर सकते हैं।

उप निदेशक (कृषि) अरविंद मोहन मिश्र ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए किसानों को फसल अवशेष  जलाने से होने वाले नुकसान के लिए जागरूक किया। किसानों की भूमि की उर्वराशक्ति और पराली जलाने से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। पराली जलाने पर कार्यवाही का प्रावधान भी है। उपस्थित अधिकारियों द्वारा विभाग से सम्बंधित योजनाओं एवम तकनीकी जानकारी भी किसानों को दी गयी।

जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि जिले के सभी राजकीय बीज भंडारों पर दलहनी फसलों जैसे : चना, मटर, मसूर, तिलहनी फसल राई/सरसों के अनुदानित बीज उपलब्ध हैं। जिले में यूरिया, फास्फेटिक उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। किसानों को सलाह दी कि किसान भाई, तिलहनों की फसल में सिंगल सुपर फास्फेट या एनपीके 20:20:3:13 का प्रयोग करें। इससे सल्फर की पूर्ति होगी और उत्पादन भी बढ़ेगा। इसी प्रकार दलहनी फसलों में सिंगल सुपर फास्फेट या एनपीके 20:20:3:13 या एनपीके 12:32:16 का प्रयोग करे।

बैठक में जिला कृषि अधिकारी अरविंद कुमार चौधरी, भूमि संरक्षण अधिकारी, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक डा. पीके बिसेन, उद्यान, गन्ना, रेशम, कृषि रक्षा, नलकूप लघु सिंचाई, सहकारिता से जुड़े जिम्मेदार अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित रहें।

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