आफताब फारुकी
डेस्क: देश में एक साथ चुनाव कराने पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी, इस कमेटी ने वन नेशन वन इलेक्शन की सिफारिश की है। केंद्र सरकार और उसके सयहोगी दलों की दलील रही है कि देश में एक साथ चुनाव कराने पर सरकारी ख़र्च में कमी आएगी और विकास के काम भी ज़्यादा रफ़्तार से चल सकेंगे।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, ‘कभी सरकारें अपनी समयावधि के बीच में भी अस्थिर हो जाती हैं तो क्या वहाँ की जनता बिना लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व के रहेगी। इसके लिए सांविधानिक रूप से चुनी गयी सरकारों को बीच में ही भंग करना होगा, जो जनमत का अपमान होगा। दरअसल ‘एक देश, एक चुनाव’ लोकतंत्र के ख़िलाफ़, एकतंत्री सोच का बहुत बड़ा षड्यंत्र है, जो चाहता है कि एक साथ ही पूरे देश पर क़ब्ज़ा कर लिया जाए।’
हम सारे विषयो को देखेगे तब प्रतिक्रिया देंगे: खड्गे
वन नेशन वन इलेक्शन’ के मुद्दे पर विपक्षी दल लगातार प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसी सिलसिले में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी प्रतिक्रिया दी है। खड़गे ने कहा है, ‘हम देखेंगे कि इस विधेयक में क्या है और सरकार कैसे इसे लागू करेगी। पहले हम सारे विषयों को देखेंगे फिर इसपर प्रतिक्रिया देंगे।’
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