तारिक खान
प्रयागराज: प्रयागराज में आयोजित हो रहे कुम्भ मेले के दरमियान जहा दुनिया भर के आस्थावान संगम में डुबकी लगाने आ रहे है, तो वही दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ के बीच एक प्रदर्शनी में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को हिंदू मंदिर के रूप में प्रदर्शित करने का मामला सुर्खियों में आ गया है।
महाकुंभ में इस प्रदर्शनी का अनावरण सुमेरू पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने शनिवार (18 जनवरी) को किया। इस प्रदर्शनी में ज्ञानवापी से जुड़े 120 छायाचित्र लगाए गए हैं, जो कथित तौर पर मस्जिद के विभिन्न हिस्सों में मौजूद हिंदू मूर्तियां और प्रतीक हैं। द टेलीग्राफ ने कुछ सूत्रों के हवाले से दावा किया कि ये तस्वीरें 2023 में वाराणसी की एक स्थानीय अदालत के आदेश पर किए गए मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान ली गई थीं। हालांकि, अदालत ने कभी यह खुलासा नहीं किया कि सर्वेक्षण के दौरान ली गई तस्वीरें क्या दिखाती हैं।
ज्ञात हो कि यह प्रदर्शनी श्री आदिमहादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास द्वारा आयोजित की जा रही है। ये वाराणसी स्थित एक संगठन है, जो कथित तौर पर गैर-हिंदुओं द्वारा नियंत्रित मंदिरों को ‘मुक्त’ करने के लिए समर्पित है। न्यास के ट्रस्टी राम प्रसाद सिंह ने कहा, ‘हमने अपने मिशन को प्रचारित करने के लिए शनिवार को (मेला) शिविर में एक महायज्ञ शुरू किया। इसके लिए हमने पूरे मेला क्षेत्र में बैनर और पोस्टर लगाए हैं। ज्ञानवापी मुद्दा पूरे हिंदू समुदाय का एक मिशन है। मेला क्षेत्र में प्रदर्शनी और महायज्ञ के पीछे हमारा विचार लोगों को इसके बारे में जागरूक करना और उन्हें इस उद्देश्य के लिए एकजुट करना है।’
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