आदिल अहमद
डेस्क: ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के ‘प्लेसेस ऑफ़ वर्शिप एक्ट 1991’ यानी उपासना स्थल क़ानून को लागू करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया। ओवैसी ने इसकी जानकारी अपने अधिकृत सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शेयर किया है।
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बताया कि मेरी ओर से कोर्ट में वकील निज़ाम पाशा पेश हुए। वर्ष 1991 के पूजा स्थल क़ानून के मुताबिक किसी स्थान के धार्मिक चरित्र को 15 अगस्त 1947 के अनुसार बनाए रखने की बात है। हाल ही में शाही जामा मस्जिद के हिंदू मंदिर होने का दावा कर अदालत में वाद दायर किया गया था। जिसके बाद इस धर्मस्थल को लेकर क़ानूनी विवाद पैदा हो गया है। इसके बाद मस्जिद का सर्वे हुआ। इसके बाद उपासना स्थल क़ानून पर फिर से चर्चा होने लगी है।
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