National

मणिपुर के सीएम विरेन सिंह का हिंसा से सम्बन्धित कथित ऑडियो क्लिप को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब को किया तलब

सबा अंसारी

डेस्क: मणिपुर हिंसा से जुड़ी कुछ ऑडियो क्लिप को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब को तलब किया है। कोर्ट ने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब से सीलबंद लिफाफे में 6 हफ्ते के भीतर रिपोर्ट मांगी है। ये रिपोर्ट उन ऑडियो क्लिप के सामने आने बाद मांगी गई है, जिनमें मणिपुर के सीएम बीरेन सिंह पर राज्य में हिंसा करवाने के आरोप लगाए गए थे।

कुकी ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट ने इन ऑडियो क्लिप की कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग की थी। दावा किया गया कि ऑडियो में सीएम बीरेन सिंह कह रहे हैं कि उन्होंने ‘मैतई समुदाय को हिंसा भड़काने की अनुमति दी और उन्हें बचाया’। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक 3 फरवरी को सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट में कहा, ‘ऑडियो टेप ट्रुथ लैब द्वारा जांचे गए हैं। जिनमें 93 फीसदी दावा किया गया है कि ये आवाज बीरेन सिंह की ही है। टेप में मुख्यमंत्री को ये कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने मैतेई समूहों को राज्य के शस्त्रागार को लूटने की अनुमति दी और गिरफ्तारी से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की।’

सीनियर वकील ने दावा किया कि सीएम की टिप्पणियों को ‘संयोग से’ एक व्यक्ति ने रिकॉर्ड कर लिया था, जो बंद कमरे में हुई बैठक में मौजूद था। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये एक ‘गंभीर मुद्दा’ है जिसमें मुख्यमंत्री पर जातीय हिंसा भड़काने और बढ़ावा देने का आरोप है। मामले में राज्य की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें दीं। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार मेहता ने कहा, ‘याचिकाकर्ता को पहले हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। मामले के संबंध में ऍफ़आईआर दर्ज कर ली गई है और जांच चल रही है। जांच एजेंसी ने सत्यापन के लिए उन ट्विटर अकाउंट से भी संपर्क किया है, जिन्होंने ऑडियो अपलोड की थीं। टेप को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।’

तुषार मेहता ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जजों के पैनल ने भी कुछ नागरिक समाज संगठनों के बारे में चिंता जताई है, जो ‘इस मामले को खत्म नहीं होने देना चाहते हैं’। सुनवाई के दौरान सीजेआई खन्ना ने पूछा, “मुझे रिकॉर्डिंग के कॉन्टेंट और सत्यता के बारे में जानकारी नहीं है, ऍफ़एसएल की रिपोर्ट कब आएगी?’ इस पर एसजी ने कहा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट उनके सामने पेश की जा सकती है। जवाब में प्रशांत भूषण ने कहा कि ट्रुथ लैब की रिपोर्ट किसी भी सरकारी एजेंसी की रिपोर्ट से ‘ज्यादा विश्वसनीय’ है।

इस मामले में पहले पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने याचिकाकर्ता से ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता दर्शाने वाली के लिए प्रमाण पेश करने को कहा था। इसके बाद याचिकाकर्ता ने ट्रुथ लैब की जांच पेश की। अब मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च, 2025 को की जाएगी।

pnn24.in

Share
Published by
pnn24.in

Recent Posts

हे भगवान घोर कलयुग: प्रेम का ऐसा चक्कर कि मामा अजय नई नवेली दुल्हन भांजी को ले हुआ रफूचक्कर

तारिक खान डेस्क: अमरोहा मे सामाजिक रिश्तो को तार तार करते हुए मामा अपनी शादीशुदा…

2 days ago

हापुड़: भाजपा की जिला पंचायत अध्यक्ष के देवर और जिला पंचायत सदस्य द्वारा दिनदहाड़े ताबड़तोड़ फायरिंग, किसान की प्लाटिंग पर जबरन कब्ज़ा करने का लगा आरोप

ईदुल अमीन डेस्क: हापुड़ में कानून-व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए दिनदहाड़े ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना…

2 days ago

लखीमपुर में सीएम ने फिर चेताया ‘जो जिस भाषा में समझेगा, उसी भाषा में जवाब देंगे’

फारुख हुसैन लखीमपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को लखीमपुर खीरी के पलिया क्षेत्र पहुंचे,जहां उन्होंने…

2 days ago