तारिक खान
नई दिल्ली: उत्तराखंड सरकार ने सोमवार (27 जनवरी) को लिव-इन रिलेशनशिप को विनियमित करने के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) नियम लागू किए, जिसके तहत अन्य बातों के अलावा जोड़े को एक 16 पृष्ठ का फॉर्म भरना होगा और धार्मिक नेता से एक प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा, जिसमें यह दर्शाया जाएगा कि यदि वे विवाह करना चाहते हैं तो वे इसके योग्य हैं। मालूम हो कि उत्तराखंड ऐसा कानून लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है।
इसके तहत निम्न प्रावधान किये गए है
पंजीकरण के लाभ
पंजीकरण न कराने के परिणाम
जेल की सजा: पंजीकरण न कराने पर तीन महीने तक की जेल या 10,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है।
झूठी शिकायतों के लिए सजा: झूठी शिकायतें दर्ज करने वाले व्यक्तियों को जुर्माना और दंड का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, रजिस्ट्रार के पास लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण के लिए नोटिस जारी करने का अधिकार है, या तो अपनी पहल पर या किसी शिकायत के जवाब में। यदि व्यक्ति इस नोटिस का पालन करने में विफल रहता है, तो उसे कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। एक मजिस्ट्रेट जुर्माना लगा सकता है, जिसमें छह महीने तक की जेल की सजा, 25,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों शामिल हो सकते हैं।
ईदुल अमीन डेस्क: महाराष्ट्र में उर्दू भाषा पर छिड़ी बहस के बीच कवि, गीतकार और…
मो0 कुमेल डेस्क: कानपुर से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। आनंदपुरी चौकी…
तारिक खान डेस्क: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा में मरने वाले…
रेहान सिद्दीकी डेस्क: इंद्रजीत सरोज के भगवान को लेकर दिए गए बयान पर भाजपा की…
तारिक आज़मी डेस्क: सुप्रीम कोर्ट में आज वक़्फ़ संशोधन अधिनियम से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई…
शफी उस्मानी डेस्क: सपा नेता ने कहा कि जब मुस्लिम आक्रांता यहां लूटपाट कर रहे…