ईदुल अमीन
डेस्क: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने आंध्र प्रदेश के लंकामला रिजर्व फॉरेस्ट में हजारों साल पुराने शिलालेखों और अद्भुत शैलचित्रों की ऐतिहासिक खोज की है। यह ऐतिहासिक खोज आंध्र प्रदेश के समृद्ध अतीत को उजागर करती है। यह भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ती है और भविष्य में और भी महत्वपूर्ण खोजों का मार्ग प्रशस्त कर सकती है। इन खोजों को हाल के समय की सबसे बड़ी पुरातात्विक उपलब्धि बताया जा रहा है।
इन खोजों में 4वीं से 16वीं सदी के बीच के ब्राह्मी (4वीं सदी), शंख लिपि (6वीं सदी), नागरी (संस्कृत) और तेलुगू लिपि में लिखे गए शिलालेख शामिल हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि लंकामला कभी एक महत्वपूर्ण शैव तीर्थस्थल था, जहां उत्तर भारत से भी श्रद्धालु आते थे। यह सर्वेक्षण 27 फरवरी से 1 मार्च के बीच नित्यपूजकोना, अक्कादेवतलाकोंडा और बांदिगनी चेल्ला के दुर्गम पहाड़ी इलाकों में किया गया। कुल 30 शिलालेखों की पहचान की गई।
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