तारिक आज़मी
वाराणसी: बनारस और बनारसियत मुहब्बत और मस्ती सिखाती है। जिस शहर का जन्म महाशमशान के रूप में हुआ, वह एक जिंदादिल शहर है, ये बात हमारे शहर से बुग्ज़ रखने वाले भी मानते है। इंसानियत की तरबियत किसी को अगर लेना है तो उसको बनारस आकर कुछ दिन गुज़ारने पड़ेगे। मुहब्बत हमारी वरासत है और इंसानियत हम बनारसियो की तरबियत है। मगर रईसों के बिगडैल औलादों ने इस बनारासियत को कलंकित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
घटना वडोदरा में आम्रपाली कॉम्पेक्स के पास की है। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने चार चालक रक्षित चौरसिया जो मूलतः बनारस का रहने वाला है को उसके साथी सहित गिरफ्तार कर लिया है। वीडियो जो वायरल हो रहा है वह चीख चीख कर इस बात की गवाही दे रहा है कि कार चालक रक्षित नशे में धुत था। डीसीपी पन्ना मोमाया ने बताया कि यह दुर्घटना देर रात करीब साढ़े 12 बजे करेलीबाग इलाके में मुक्तानंद चौराहे के पास हुई, जिसके बाद चालक रक्षित चौरसिया (20) को गिरफ्तार कर लिया गया।
दुर्घटना के बाद का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें एक्सीडेंट के बाद रक्षित चौरसिया का साथी कार से पहले बाहर आता है और कहता है कि ‘पागल है, मुझसे मतलब नहीं, गाडी वह चला रहा है।’ जिसके बाद रक्षित चौरसिया नशे की हालत कार से बाहर आता है और जोर जोर से चिल्लाता है कि ‘अनदर राउंड, निकिता, अंकल’ और फिर वह ॐ ‘नमः शिवाय’ का जाप करने लगता है। पुलिस के अनुसार, महिला की पहचान हेमाली पटेल के रूप में हुई है। जो दुर्घटना के समय स्कूटर चला रही थी। वही रक्षित के साथ उसके दोस्त मीत चौहान को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जो ड्राईवर के बगल वाली सीट पर बैठा था। रक्षति बड़ोदरा में एलएलबी कर रहा है और वहाँ बतौर पीजी रहता है। जबकि मीत बड़ोदरा का ही निवासी है।
लेकिन रक्षित ने अब कानून की सीखी सभी पेचीदिगियो का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। उसने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इंकार कर दिया है और कहा है कि वह किसी नशे में नहीं था। और न ही उसकी स्पीड ज्यादा थी। बल्कि वह महज़ 50 की स्पीड में था और अचानक गड्ढे में एयरबैग खुल जाने के कारण दुर्घटना हो गो। आरोपी ने कहा कि एयरबैग खुल जाने से वह कुछ देख नहीं पाया, जिस कारण दुर्घटना हो गई। आरोपी ने कहा कि वह पीड़ितों के परिवार से मिलना चाहता है। उसने अपनी गलती मानते हुए कहा कि जो वह चाहते हैं, वहीं होना चाहिए।
आरोपी ने कहा कि ‘हम 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जा रहे थे। उस समय वहां कोई लोग नहीं थे, सिर्फ एक स्कूटर और एक कार थी। मुझे कुछ पता नहीं था। मैंने कोई पार्टी नहीं की। मैं तो होलिका दहन के लिए गया था।’ उसे आगे कहा, ‘आज मुझे बताया गया कि एक महिला की मौत हो गई है और कुछ लोग घायल हो गए हैं।’ वहीं वडोदरा के पुलिस आयुक्त नरसिम्हा कोमार ने कहा कि पुलिस की कई टीमें घटना की जांच कर रही हैं।
बात अब वापस वही आ जाती है। कानूनी लड़ाई में रक्षित की दौलत काम आएगी और कानूनी पेंच के साथ जल्द से जल्द वह ज़मानत पा जायेगा। कोर्ट कचहरी के चक्कर लगेगे। कुछ वक्त बाद खुद रक्षित के बदन पर काला कोट होगा और वह बार काउंसिल में रजिस्ट्रेशन करवा कर शान से अपने केस की खुद पैरवी कर सकता है। शायद होगा भी यही सब कुछ, रईसजादो पर कब और कितनी गाज आज तक गिरी है ये किसी से नहीं छुपा है। मगर बात इतनी सी है कि जो लोग गंभीर रूप से घायल है उनका क्या होगा? उस मासूम बच्ची का क्या होगा जो अपने माँ के साथ रंग खरीदने गई थी। मगर माँ का साया ही अपने सर से खो दिया। ऐसे कई सवाल उलझे इसके पहले हमारा भी सवाल है कि इन सबके बीच बनारस और बनारसियत का क्या हुआ ?
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