तारिक खान
डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को लेकर एक बार फिर यूपी सरकार को सुप्रीम फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा, वह प्रयागराज में गिराए गए मकानों को सरकार के खर्च पर दोबारा बनवाने का आदेश दे सकता है।बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक प्रयागराज के वकील जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद, दो महिलाओं और एक अन्य व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा, इस तरह की तोड़फोड़ चौंकाने वाली है और गलत संकेत देती है। इसमें सुधार की आवश्यकता है। राज्य सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी पेश हुए। उन्होंने कहा, उनके पास याचिकाकर्ताओं की संपत्ति को गिराने के लिए नोटिस देने के कारण मौजूद हैं।इस पर जस्टिस अभय एस ओका ने कहा कि अनुच्छेद 21 के तहत, किसी भी व्यक्ति को कानून में तय प्रक्रिया के मुताबिक ही उसके जीवन और व्यक्तिगत आजादी से वंचित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा-आप घरों को ध्वस्त करने की इतनी कठोर कार्रवाई कर रहे हैं और उनमें से एक वकील हैं और दूसरे प्रोफेसर हैं। हम जानते हैं कि इस तरह की बहुत ही ज्यादा टेक्निकल दलीलों से कैसे निपटना है? आखिरकार अनुच्छेद 21 और ‘आश्रय का अधिकार’ जैसी कोई चीज है। पीड़ितों की तरफ से वकील अभिमन्यु भंडारी दलील दे रहे थे। उन्होंने कहा, अतीक अहमद नाम का एक गैंगस्टर था, जिसकी 2023 में हत्या कर दी गई थी। उन्होंने हमारी (पीड़ितों की) जमीन को उसकी जमीन समझ लिया। उन्हें (राज्य को) अपनी गलती स्वीकार कर लेनी चाहिए।
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