तारिक आज़मी
वाराणसी: वाराणसी के चौक थाना क्षेत्र के दालमंडी के कारोबारी शाहनवाज़ उर्फ़ शानू मोबाइल से मुन्ना बजरंगी गैग का आदमी और मेराज गैंग का करीबी होने का दावा करने वाले राशिद द्वारा 10 लाख की कथित रंगदारी मांगने के प्रकरण में एक सप्ताह गुज़र जाने के बाद भी दालमंडी चौकी इंचार्ज द्वारा कोई कार्यवाही नही होने से उदास हुवे व्यापारी ने आज जेसीपी से गुहार लगाया है।
पीड़ित ने अपने शिकायत में कहा कि इसके बाद दिनांक 25 फरवरी को ही चौक थाने पर लिखित तहरीर दिया जिसमे दालमंडी चौकी इंचार्ज भृगुपति पाण्डेय के द्वारा इन्साफ दिलवाने का आश्वासन दिया गया था। मगर आज तक शिकायत दर्ज नही हुई है। इस दरमियाना बीती रात (सोमवार की रात) लगभग 12 बजे नई सड़क के निवासी एक पुराने हिस्ट्रीशीटर द्वारा फ़ोन नंबर 9335898234 से मुझे फोन करके मामले को मैनेज करने की बात कही गई। पीड़ित ने हमसे बात करते हुवे बताया कि उसी फोन से दालमंडी चौकी इंचार्ज ने भी बात किया और देर रात थाने आकर मामला मैनेज करने की बात कही गई।
हमने जब ट्रूकालर से इस नम्बर को जांचा तो यह नंबर हाजी सैफ नाम से पंजीकृत है। हाजी सैफ नई सड़क के कपडा कारोबारी है और वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में अपराधिक रिकार्डधारी है। फिलहाल अपराध जगत से मुह मोड़ कर कपडे के कारोबार में कथित रूप से व्यस्त है। ऐसे में हाजी सैफ का आरोपी राशिद के लिए थाने पर जाकर पैरवी करना बेशक खटकने वाली बात लगती है। हमने इस सम्बन्ध में हाजी सैफ से बात करने की कोशिश किया, मगर शायद नमाज़ का वक्त हो जाने की वजह से बात नहीं हो पाई है। उनका बयान सामने आने पर खबर अपडेट किया जायेगा।
बहरहाल, पीड़ित ने जॉइंट पुलिस कमिश्नर को अपनी व्यथाकथा सुनाई है और इन्साफ की गुहार लगाया है। मामले में उच्चाधिकारियों तक जाने और खबरों में आने के बाद भी दालमंडी चौकी इंचार्ज की वर्त्तमान समय तक दोनों पक्षों को आमने सामने बैठा कर बात करवाने की कवायद जारी है। विभागीय सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार मामले में दालमंडी चौकी इंचार्ज के द्वारा पीड़ित को समझा बुझा कर शिकायत वापस करवाने का प्रयास जारी है। शायद यही एक बड़ा कारण हो सकता है कि शहनवाज़ शानू से रंगदारी की मांग करने वाले के द्वारा एक अन्य कारोबारी गुलाम अशरफ से भी मांग किया गया मगर गुलाम अशरफ के द्वारा शिकायत पुलिस को नहीं दिया गया।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि दालमंडी चौकी इंचार्ज के द्वारा अभी तक उन युवको की शिनाख्त नहीं किया गया जो युवक दोनों कारोबारियों के यहाँ आये थे। अपराध हुआ या नहीं हुआ, मगर मामला तो गंभीर है, जिस मामले में जांच सिर्फ महज़ तहरीर के आधार पर वह कर रहे है, उसी मामले को दर्ज करके भी जांच हो सकती है। 25 फरवरी की मिली शिकायत पर उनकी कार्यवाही के सम्बन्ध में हमारे विभागीय सूत्र बताते है कि उनके द्वारा अभी तक सीडीआर तक निकलवाने की प्रक्रिया नहीं हुई है। ऐसे में आशा बिलकुल इन्साफ की किया जा सकता है। विभागीय सूत्रों के अनुसार आरोपी राशिद के तरफ से दालमंडी चौकी इंचार्ज से एक अज्ञात दरोगा जी पैरवी कर रहे है, जिसके दबाव में इन्साफ का गला दबाया जा रहा है। अब बड़ी बात तो देखना होगा कि दालमंडी चौकी इंचार्ज बड़े है या फिर उच्चाधिकारी।
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