यूक्रेन में फंसे छात्रों की सकुशल वापसी हेतु सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई याचिका पर अदालत ने अटार्नी जनरल से किया जवाब तलब, अदालत ने कहा हम पुतिन को युद्ध रोकने का आदेश नही दे सकते
ए0 जावेद
डेस्क। यूक्रेन रूस जंग ने फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी का मुद्दा अब बढ़ता जा रहा है। पूरा देश यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के सकुशल वापसी की चिंता में है। अब ये मामला मुल्क की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक पहुच गया है। एक अधिवक्ता ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों का मसला सुप्रीम कोर्ट में रखा है और जल्द से जल्द भारतीय छात्रों की निकासी की मांग की है।
वहीं इस याचिका पर जवाब देते हुए सीजेआई एन वी रमना ने कहा कि हमें छात्रों से हमदर्दी है लेकिन कोर्ट इसमें कुछ नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम पुतिन को युद्ध रोकने का आदेश नहीं दे सकते हैं। यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। सरकार जरूरी कदम उठा रही है। हम एटॉर्नी जनरल से पूछेंगे कि इस मामले मेंं और क्या किया जा सकता है?
याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि याचिकाकर्ता यूक्रेन में मेडिकल की छात्रा हैं। जहां कि 250 छात्र फंसे हैं। रोमानिया बॉर्डर से उन्हें निकाला नहीं जा रहा है। वे यूक्रेन बॉर्डर पर फंस गए हैं और उन्हें रोमानिया आने नहीं दिया जा रहा है। इसके जवाब में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बात की है। एक मंत्री को रोमानिया भी भेजा गया है। सरकार सबकुछ कर रही है। जल्द से जल्द इन छात्रों को भी निकाला जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से कहा कि रोमानिया में फंसे छात्रों को निकालने के लिए कुछ ठोस कदम उठाएं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की प्रति के साथ विशेष दूत को अटॉर्नी जनरल के दफ्तर भेज दिया।