लखीमपुर खीरी काण्ड: अजय मिश्रा टेनी को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की ज़मानत रद्द करने का दिया आदेश, एक हफ्ते में सरेंडर करने का अदालत ने दिया हुक्म
फारुख हुसैन
नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा में मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा को आज एक बड़ा झटका लगा है। आशीष मिश्रा की ज़मानत को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करते हुवे एक सप्ताह में सरेंडर करने का आदेश दिया है। मुल्क की सबसे बड़ी अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत निरस्त कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दी थी।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर आपत्ति जताई थी जिसमें लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत देने के लिए प्राथमिकी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ‘अप्रासंगिक’ विवरण पर भरोसा किया गया था। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने दलील दी थी कि हाईकोर्ट ने एसआईटी की रिपोर्ट के साथ-साथ चार्जशीट को नजरअंदाज कर दिया।
उन्होंने यह कहते हुए जमानत रद्द करने की मांग की थी कि आरोप गंभीर हैं और गवाहों को जान को खतरा है। उन्होंने यह भी कहा कि हाईकोर्ट के आदेश में दिमागी कसरत का अभाव है। वहीं आशीष मिश्रा की ओर से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने हाईकोर्ट के आदेश का बचाव करते हुए कहा था कि उनका मुवक्किल घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा था कि अगर अदालत जमानत के लिए कोई शर्त जोड़ना चाहती है तो वह ऐसा कर सकती है। गत वर्ष तीन अक्तूबर को किसान यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर खीरी की यात्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान चार किसान एक एसयूवी द्वारा कुचले जाने में मारे गए थे।
बीते साल 3 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर खीरी जिले की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों में से चार किसान एक एसयूवी द्वारा कुचले जाने के बाद मारे गए थे। मामले में केंद्रीय मंत्री मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा का नाम आया था। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया गांव में हुई उक्त हिंसा के मामले में एसआईटी ने तीन महीने के अंदर सीजेएम अदालत में तीन जनवरी को 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाते हुए 13 लोगों को मुल्जिम बताया था। इन सभी के खिलाफ सोची समझी साजिश के तहत हत्या, हत्या का प्रयास, अंग भंग की धाराओं समेत आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की थी।