मदर्स डे पर बोल शाहीन के लब आज़ाद है तेरे: माँ की अज़मत ऐसी है कि खुद रब ने जन्नत उसके कदमो में डाल दी
शाहीन बनारसी
आज पूरी दुनिया मदर्स डे मना रही है। आज का दिन सभी बच्चो और उनकी माँ के लिए ख़ास होता है। माँ और माँ की ममता दुनिया की सबसे बड़ी दौलत होती है। एक माँ से अच्छा कोई दोस्त और हितैषी नहीं होता है। वो माँ ही होती है जो अपने बच्चो को निस्वार्थ प्रेम करती है। वो बच्चो की खुशियों के लिए अपनी खुशियाँ कुर्बान कर देती है। वो खुद रोती है मगर बच्चो को हसाती है। हमे खुश रखने के लिए वो हमे हमारी पसंद की चीज़े लाकर देती है। कभी वो दोस्त बनकर हमारी मुसीबतों में साथ देती है। तो कभी हमे सिखाने के लिए खुद ही टीचर बनकर डांट लगाती है। वो एक है मगर उस माँ के रूप अनेक है। वो सबकी कमी पूरी कर सकती है मगर उनकी कमी कोई पूरी नहीं कर सकता है। माँ की कमी को पूरी दुनिया भी मिल जाए तो पूरी नहीं कर सकती है मगर माँ मिल जाए तो पूरी दुनिया हमे मिल जाती है।
कहा जाता है कि दुनिया की पहली पाठशाला माँ की गोद होती है। माँ दुनिया की ऐसी शख्सियत है जो भले ही कुछ न हो पर अपने बच्चो के साथ कदम से कदम मिला कर चलती है और उन्हें मंजिल तक पहुंचा जाती है। युही नहीं माँ दुनिया का सबसे अनमोल तोहफा होती है। एक बच्चा जब इस दुनिया में आता है तो उसके मुंह से निकलने वाला पहला शब्द “माँ” होता है। माँ अपने बच्चे को इस दुनिया में लाने के लिए कितने ही दर्द और तकलीफों से गुज़रती है। 9 माह इस दर्द को बर्दाश्त करती है। इस दरमियान कितनी रातो को वो सो नहीं पाती। कितनी रातो को वो दर्द से कराहती है। कभी खाना नहीं खाती तो कभी पूरी रात जाग कर गुज़ार देती है। सिर्फ और सिर्फ अपने बच्चे को इस दुनिया में लाने के लिए। माँ के प्यार और ममता की जरुरत तो दुनिया के हर इंसान के होती है। फिर वो चाहे 5 साल का हो या 50 साल का। माँ की कमी तो हर इंसान को सताती है। माँ दुनिया की एक ऐसी दौलत है जो छीन जाए तो मिल नहीं सकता।
कहा जाता है कि माँ हमारा इतना ध्यान रखती है। हमारी पसंद न पसंद का ख्याल रखती है। उसी माँ को धन्यवाद देने के लिए साल का एक दिन मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है। जहाँ तक मुझे लगता है कि माँ की अज़मत समझने के लिए और माँ को धन्यवाद देने के लिए किसी ख़ास मौके की जरुरत नही बल्कि माँ साथ हो तो हर दिन ख़ास और हसीन होता है। माँ की अज़मत के लिए एक दिन हो, ऐसा नही है। बल्कि माँ की अज़मत हर एक लम्हे में है। बेशक माँ ईश्वर का दिया हुआ वो तोहफा है जो हमारे सर पर अपनी ममता का आँचल रख दे तो ऐसा महसूस होता है कि तपते सेहरा में पेड़ की छाव मिल गई है।
माँ की अज़मत का ब्यान करने के लिए सिर्फ एक लफ्ज़ ही समझ ले कि “माँ की अज़मत ऐसी है कि जन्नत भी रब ने उठा कर माँ के कदमो में डाल दिया है।” बेशक माँ के बिना दुनिया की कल्पना नही हो सकती है। दुनिया का सबसे अजीम तोहफा माँ है। “ममता कहते है किसे, माँ का साया क्या चीज़ है। कोई उनसे जाकर पूछे जिनकी मर जाती है माँ।” अगर ज़िन्दगी में कोई रियल सुपर स्टार होता है तो वह बेशक माँ ही होती है। “माँ तुझे सलाम”