शीना बोरा हत्याकांड: साढ़े 6 साल बाद जेल से रिहा होगी इंद्राणी मुखर्जी, सुप्रीम कोर्ट ने मंज़ूर किया ज़मानत

शाहीन बनारसी

डेस्क: शीना बोरा हत्याकांड में इंद्राणी मुखर्जी को आज सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इंद्राणी मुखर्जी को बड़ी राहत दिया है और अब वह जेल से साढ़े 6 साल बाद रिहा होगी। इंद्राणी मुखर्जी को ये जमानत उनके इतने लम्बे समय जेल में रहने के कारण दिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये लंबा वक्त है। ये पूरा मामला सिर्फ परिस्थितिजन्य सबूतों पर टिका है। लगता है कि ट्रायल जल्द खत्म नहीं होगा।

गौरतलब है कि इंद्राणी मुखर्जी अगस्त 2015 में गिरफ्तार किए जाने के बाद से मुंबई के बायकुला महिला कारागार में बंद है। इससे पहले विशेष सीबीआई अदालत ने इंद्राणी को जमानत देने से कई बार मना कर दिया। सीबीआई 2012 से इस मामले की जांच कर रही है। इंद्राणी मुखर्जी पर अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या का आरोप है। 24 अप्रैल 2012 को अपनी बेटी शीना की हत्या करने के आरोप में मुखर्जी का ट्रायल चल रहा है। उन्हें खार पुलिस ने 25 अगस्त 2015 को गिरफ्तार किया था और वह सितंबर 2015 से बायकुला जेल में बंद है।  इंद्राणी पर आरोप था कि उन्होंने मुंबई के बांद्रा में अपनी बेटी शीना की गला दबाकर हत्या कर दी थी और शव को रायगढ़ जिले में दफना दिया था। जांच एजेंसियों का दावा था कि शीना बोरा के अवशेष भी मिले हैं।

दावे के मुताबिक, इंद्राणी और शीना के बीच संबंध अच्छे नहीं थे। शीना बोरा इंद्राणी के पहले पति की संतान थीं। इंद्राणी शीना के बीच आए दिन विवाद होते रहते थे। इंद्राणी ने शीना को मारने के लिए अपने ड्राइवर के साथ साजिश रची। 2 मई 2012 में इंद्राणी ने शीना को बांद्रा में मिलने के लिए बुलाया।  फिर उसे कार में बैठाया। कार में ड्राइवर श्याम राय के अलावा एक शख्स और था। इसके बाद कार में ही शीना की गला दबाकर हत्या कर दी गई।  इंद्राणी ने ड्राइवर मनोहर राय को लाश ठिकाना लगाने को कहा था।  ड्राइवर राय लाश को मुंबई से 100 किलोमीटर दूर रायगढ़ के जंगल में लेकर पहुंचा।  पहले तो उसने जलाने की कोशिश की, लेकिन फिर बाद में उसे दफना दिया। इस मामले में पुलिस ने इंद्राणी के पति पीटर मुखर्जी और बेटे राहुल से भी पूछताछ की। बाद में पीटर को गिरफ्तार कर लिया गया।

आज अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमारा विचार है कि लंबा समय जेल में बिताने पर वो जमानत की हकदार हैं। हम उन्हें सशर्त जमानत देते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि 2020 में सह आरोपी पीटर मुखर्जी भी जमानत पर रिहा हो चुका है। इससे पहले सीबीआई ने इंद्राणी मुखर्जी को जमानत का विरोध करते हुए अपना जवाब दाखिल किया था। सीबीआई ने कहा था कि उन्होंने अपनी ही बेटी शीना बोरा की हत्या की योजना बनाने और हत्या करने का जघन्य कार्य किया है।

इस मामले में सीबीआई का यह भी कहना था कि शीना अप्रैल 2012 के बाद जीवित थी, इंद्राणी की कल्पना है। 18 फरवरी को अदालत ने इंद्राणी मुखर्जी की जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इंद्राणी मुखर्जी के लिए मुकुल रोहतगी ने कहा था कि इंद्राणी 6.5 साल जेल में है। अगले 10 साल में भी ट्रायल खत्म नहीं होगा। 185 गवाहों का परीक्षण अभी बाकी हैं। पिछले 1.5 वर्षों में किसी गवाह की जांच नहीं हुई। उसका पति जमानत पर है। इंद्राणी मुखर्जी दिमागी बीमारी से पीड़ित भी हैं। शीना बोरा हत्याकांड मामले में सीबीआई की विशेष अदालत की न्यायिक हिरासत में चल रहीं इंद्राणी मुखर्जी  ने  सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। इससे पहले इंद्राणी मुखर्जी को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिल सकी थी।

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