ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण: जमकर पेश हुई अदालत में दलील, कल भी होगी सुनवाई, जाने किस पक्ष ने क्या दिया दलील

अनुराग पाण्डेय/ ईदुल अमीन

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में आज जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत में कल एक मामले की फिर सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों और अधिवक्ताओं सहित कुल 42 लोगो की मौजूदगी में सुनवाई हुई। इस दरमियान सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज की अदालत में जारी सुनवाई में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की तरफ अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने आदेश 7 रूल 11 के तहत दिए गए आवेदन पर अपनी बहस पूरी किया।

अंजुमन मसजिद इंतेजामिया कमिटी के जानिब से पेश हुवे अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने कहा गया है कि जिस जमीन पर ज्ञानवापी मस्जिद स्थापित है, उसकी आराजी 9130 का चौहद्दी व रकबा वाद पत्र में निर्धारित नहीं है। इसमें यह भी नहीं बताया गया कि इसका मालिक कौन है। दलील के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वाद पत्र को मौलिक अधिकार के तहत हाईकोर्ट में दाखिल किया जाना चाहिए। कारण, वाद में कहा गया है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बना है, ऐसे में मुकदमा बेदखली का होना चाहिए।

अंजुमन ने कहा कि पूरी संपत्ति वक्फ बोर्ड की है। ऐसे में इस अदालत को सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं है, बल्कि लखनऊ स्थित वक्फ बोर्ड को सुनवाई का अधिकार है। इस दौरान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की नजीरों का हवाला देते हुए अदालत में यह भी कहा कि यह मुकदमा चलने योग्य नहीं है। अंजुमन इंतजामिया की तरफ से अभय नाथ यादव, रईस अहमद, मुमताज अहमद, एखलाक अहमद, मेराजुद्दीन सिद्दीकी और हिंदू पक्ष की तरफ से विष्णुशंकर जैन, शिवम गौड़, मान बहादुर सिंह, सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नंदन चतुर्वेदी, अनुपम द्विवेदी, हिमांशु व अनुष्का तिवारी, शासन की तरफ से डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय, मधुकर पांडेय, राणा संजीव सिंह, आशीष चौबे शामिल रहे।

आज दलील पेश करते हुवे हरिशंकर जैन ने कहा कि हिन्दू धर्म में मान्यताओं के आधार है। हम मान्यताओं के अनुसार जहा शक्ति और शांति मिलती है वहाँ पूजा करते है। इस प्रकरण में जिरह करते हुवे हरिशंकर जैन के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेशो को भी अदालत में पढ़ा गया है। मामले में सुनवाई कल भी जारी रहेगी। मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभय नाथ यादव हरिशंकर जैन के द्वारा पेश दलील पर कल अपनी दलील पेश करेगे। अभय नाथ यादव ने कहा कि दूसरा पक्ष बेवजह के मुद्दे अदालत में उठा रहा है, जबकि जिस संपत्ति के मिलकियत की बात वादी मुकदमा कर रहा है वह वक्फ की संपत्ति है और इसके लिए उसको वक्फ बोर्ड में दावा दाखिल किया जायेगा।

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