नीतीश कुमार ने लिया मुख्यमंत्री पद की शपथ तो तेजस्वी ने लिया आधी कुर्सी, भाजपा का विरोध जारी, सियासी जानकारो की राय: वो जो हमारा तुम्हारा करार है, वो बिहार है……..!
तारिक़ आज़मी
डेस्क: बिहार में भाजपा के विरोध प्रदर्शन के बीच नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले लिया है। नीतीश ने लालू के लाल तेजस्वी यादव को अपने हक़ की आधी कुर्सी देते हुवे उपमुख्यमंत्री पद प्रदान किया है। बिहार की सियासत अचानक पलट गई और इलेक्ट्रिक इंजिनियर रहे नीतीश कुमार ने इस बार भाजपा को झटका देते हुवे सरकार बना लिया है। सियासी जानकार इसको “वो जो हमारा तुम्हारा करार है, वही बिहार है” के तर्ज पर देख रहे है।
दरअसल बिहार की कहानी सरकार गिरा कर फिर से बनाने की नहीं दिखाई दे रही है। बल्कि इस कहानी में सबसे बड़ी कहानी है कि क्या मोदी सरकार के मंत्री फोन कर विधायकों को करोड़ों रुपये का लालच दे रहे थे और जदयू तोड़ रहे थे? इस बात का दावा नीतीश कुमार ने अपने विधायको और सांसदों के साथ हुई बैठक में किया था। बताया जाता है कि नीतीश कुमार ने अपने विधायको और सांसदों को वह रेकार्डिंग भी सुनाई थी। अगर इस बात में हकीकत है तो फिर सवाल ये उठता है कि कौन वह मोदी सरकार के मंत्री है जो ऐसा विधायक तोड़ने का काम कर रहे थे।
अगर यह बात सच है और जैसा कि नीतीश ने अपने विधायकों को इसकी रिकार्डिंग सुनाई है, तो आज सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या बीजेपी अपने सहयोगी दल की सरकार गिरा रही थी। करोड़ों रुपये का लालच दे रही थी। जिससे गुस्सा कर नीतीश ने बीजेपी को ही सरकार से बाहर कर दिया? मगर देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि भाजपा को सरकार से बाहर करके किसी क्षेत्रीय दल ने अपनी सरकार बना लिया है। सियासी जानकारों के नज़रिए से देखे तो आज एक खबरिया चैनल से बात करते हुवे राजनैतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार अगर तीन महीने काम कर लेती है फिर उसके बाद नज़रियो और कार्यप्रणाली को देखते हुवे ही इसका कयास लगाया जा सकता है कि इस परिवर्तन का असर 2024 चुनावों में कितना पड़ेगा।
वही नीतीश ने पत्रकारों से बात करते हुवे कहा कि वह किसी पद के दावेदार नही है। अगर नीतीश के इस बयान को ध्यान दे तो फिर वर्ष 2024 के लिए महागठबंधन से मजबूत टक्कर भाजपा को मिलती दिखाई दे रही है। इन सबके बीच सरकार ने काम आज शुरू कर दिया है। नई सरकार के समर्थको में जहा ख़ुशी की लहर है वही दूसरी तरफ भाजपा समर्थको में गुस्सा है और वह नीतीश को पलटू तथा बिना पेंदी का लोटा आदि की संज्ञा दे रहे है।