वाराणसी में पीऍफ़आई पर शिकंजा: पूरी रात चली एटीएस की ताबड़तोड़ छापेमारी, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2 हिरासत में
तारिक़ आज़मी
वाराणसी: देश के विभिन्न राज्यों में पीऍफ़आई पर शिकंजे हेतु हुई छापेमारी के क्रम में वाराणसी शहर के कई इलाको में देर रात एटीएस ने छापेमारी का कुछ संदिग्ध हिरासत में लिए है। सूत्रों के अनुसार आदमपुर से 1 और जैतपुरा से 1 को हिरासत में लेकर पूछताछ चल रही है। छापेमारी के क्रम में बजरडीहा, मदनपुरा, सरैया, पुरानापुल, आदमपुरा और जैतपुरा, शिवपुर छापेमारी की जानकारी अपुष्ट सूत्रों के द्वारा प्राप्त हो रही है।
बताया जाता है कि टेरर फंडिंग से जुड़ा मामला हो सकता है। पीऍफ़आई से जुड़े लोगो के जारी इस पूछताछ के बाद बताया जा रहा है कि दोनों को पूछताछ से मिले तथ्यों के आधार पर लखनऊ ले जाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि दोनों के मोबाइल और ई-मेल एकाउंट को खंगाला जा रहा है। दोनों के कनेक्शन पीएफआई के बड़े नेता से मिलना भी बताया जा रहा है। हालांकि इस बारे में एटीएस कुछ भी कहने को जल्दबाजी बता रही है और किसी प्रकार का अधिकारिक बयान अभी जारी नही किया है। मगर मिल रही जानकारी के अनुसार पीऍफ़आई के सक्रिय कार्यकर्ताओं के बारे में जानकारियों को पुलिस इकठ्ठा कर रही है।
गौरतलब हो कि तीन साल पूर्व नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शहर का माहौल बिगाड़ने में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया के सदस्यों की भूमिका निकल कर सामने आई थी। बेनिया और बजरडीहा में हुए बवाल के दौरान 40 से अधिक लोगों को चिन्हित किया गया था, जो पीएफआई से जुड़े हुए बताए गए थे। बरजडीहा में बवाल के दौरान पत्थरबाजी और भगदड़ में एक बच्चे की मौत भी हुई थी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार प्रतिबंधित संगठन सिमी पर सख्ती के बाद उसके कई पदाधिकारी और सदस्य पीएफआई में शामिल हो गए। पीएफआई की स्थापना 2006 में हुई थी। केरल से शुरू हुआ यह संगठन मौजूदा समय में देश के विभिन्न राज्यों में सक्रिय है।