मोराबी पुल हादसा: दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा घडी बनाने वाली कम्पनी को पुल मरम्मत का ठेका दिया गया, गुजरात के सीएम इस्तीफा दे और राज्य में चुनाव हो, मनीष सिसोदिया ने पूछे भाजपा सरकार से 5 सवाल
आफताब फारुकी
नई दिल्ली: मोरबी पुल हादसे में 134 लोगों की मौत को लेकर विपक्ष भाजपा सरकार को सांस लेने का मौका नही दे रहा है। पत्रकार वार्ता से लेकर सोशल मीडिया तक पर भाजपा को निशाना पर विपक्ष लिए हुवे है। इसी क्रम में आज गुजरात की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल ने आज कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए और राज्य में विधानसभा चुनाव होने चाहिए।
अरविन्द केजरीवाल ने इस दुर्घटना में मृतकों के प्रति अपनी संवेदनाये व्यक्त करते हुवे कहा है कि जिन लोगों की मौत हुई उनकी आत्मा के लिए मैं प्रार्थना करता हूं। घायलों के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना करता हूं। अरविन्द ने कहा कि ये भ्रष्टाचार का मामला है। अरविन्द केजरीवाल ने सवाल खड़ा करते हुवे कहा कि जिस कंपनी के पास घड़ी बनाने का अनुभव है उस कंपनी को पुल बनाने का काम दिया गया। घड़ी बनाने वाली कंपनी को पुल बनाने का ठेका क्यों दिया? जबकि उस कंपनी के पास पुल रखरखाव का कोई अनुभव नहीं था। मतलब इनकी पार्टी (भाजपा) से रिश्ते हैं।
केजरीवाल ने कहा कि ऍफ़आईआर में ना कंपनी और उनके मालिक का नाम है। मामले में सिर्फ पुताई की जा रही है। अस्पताल की पुताई तो अलग है, लेकिन मामले की पुताई की जा रही है। एक आरोप ये लग रहा है कि इनकी पार्टी (भाजपा) को भारी चंदा दिया है। इसका पता लगाना पड़ेगा। अरविन्द केजरीवाल ने गुजरात के मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुवे कहा कि सीएम को सीएम बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। इस्तीफा देकर तुरंत चुनाव हो जाना चाहिए।
वही इया मामले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि इससे पूरा देश हिला हुआ है। कितने मासूम बच्चे मारे गए। जो तथ्य सामने आए हैं, कह सकते हैं ये हादसा नहीं हत्या है। वजह है बीजेपी का भ्रष्टाचार। मैं 150 मासूम लोगों के हत्यारों से 5 सवाल करता हु। पहला ये है कि मोरबी के पुल के पुनर्निर्माण का ठेका घड़ी बनाने वाली कंपनी को क्यों दिया गया? दूसरा ये है कि इतना बड़ा काम और बिना टेंडर किये इसका ठेका दिया गया। गैर अनुभवी कंपनी को ठेका क्यों दिया गया?
सिसोदिया ने तीसरा सवाल करते हुवे कहा कि डॉक्यूमेंट जो सामने आए है। ये काम 8 महीने में पूरा होना था। तो कौन सी जल्दबाजी थी, जिसे लीपापोती करके 5 महीने में क्यों खोल दिया गया। चौथा सवाल करते हुवे सिसोदिया ने कहा कि घड़ी बनाने वाली कंपनी से कितना चंदा लिया है। इस कंपनी के मालिकों की किस-किस बीजेपी नेता से नजदीकी है। मनीष सिसोदिया ने पांचवां सवाल करते हुवे कहा कि इतने बड़े हादसे के बाद भी ऍफ़आईआर दर्ज की गई है। उसमें उसके मालिकों का नाम नहीं है। किसके दबाव में मालिकों के खिलाफ ऍफ़आईआर नही हुई है और क्यों नहीं की गई।