बिलकिस बानो गैंग रेप और हत्याओं के प्रकरण में दोषी के साथ मंच पर दिखें भाजपा सांसद और विधायक, खुद फोटो किया ट्वीट, दिल्ली महिला आयोग की चेयरमैन स्वाति मालीवाल ने फोटो ट्वीट कर उठाये गंभीर सवाल
शाहीन बनारसी
डेस्क: गुजरात के दाहोद से बीजेपी के सांसद जसवंत सिंह भाभोर शनिवार 25 मार्च को शैलेश भट्ट के साथ एक ही मंच पर मौजूद थे। शैलेश भट्ट बिलकीस बानो गैग रेप केस का सजा याफ्ता है। उसको अदालत ने आजीवन कारावास की सजा दिया था। इसके बाद राज्य सरकार के द्वारा बिलकिस बानो गैंग रेप और ह्त्या के मामले में सभी 11 दोषियों को रिहा किया था।
समाज का एक विभत्स शक्ल उस वक्त भी दिखाई दी थी जब इन 11 सजायाफ्ता हत्या और बलात्कार के गुनाहगारो की रिहाई के बाद कुछ दक्षिणपंथी संगठनो ने इनका स्वागत फुल मालाओं के साथ किया था। इसके बाद इस मामले में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में इन सभी दोष सिद्ध गुनाहगारो के रिहाई को लेकर दाखिल है। जिस पर आज अदालत में सुनवाई की तारीख मुक़र्रर है।
દાહોદ જીલ્લાના લીમખેડા તાલુકા ખાતે કડાણા ડેમ બલ્ક પાઈપલાઈન આધારિત લીમખેડા જૂથ પાણી પુરવઠા યોજના અંતર્ગત અંદાજીત રકમ ૧૦૧.૮૯ કરોડના કામોનું ભૂમિ પૂજન કર્યું. જેમાં લીમખેડા તાલુકાના ૪૩ ગામ, સિંગવડ તાલુકાના ૧૮ ગામ તથા ઝાલોદ તાલુકાના ૩ ગામને આ યોજનાનો લાભ મળશે.#MemberofParliament pic.twitter.com/sPxZR9VcsK
— Jasvantsinh Bhabhor (@jsbhabhor) March 25, 2023
मगर इसके पहले ही कल बलात्कार और हत्या जैसे गम्भीर मामलो के गुनाहगार के साथ मंच पर भाजपा सांसद और विधायक की मौजूदगी चर्चा का केंद्र बन गई। इस नफरती विचारधारा के लिए भाजपा विधायक और सांसद की आलोचना सोशल मीडिया पर होना शुरू हो गई है। तस्वीर दाहोद में एक जल आपूर्ति योजना के उद्धघाटन समारोह की बताया गया है। दोनों की तस्वीरें ट्विटर पर खुद सांसद जसवंत सिंह ने शेयर कीं हैं। इस कार्यक्रम में लिमखेड़ा से बीजेपी विधायक शैलेशभाई भाभोर भी मौजूद थे। उन्होंने ने भी कार्यक्रम की तस्वीरें शेयर कीं है जिसमें शैलेश भट्ट नजर आ रहा है।
આજરોજ પૂર્વ કેન્દ્રીય મંત્રી અને દાહોદ સાંસદ શ્રી @jsbhabhor સાહેબ દ્વારા કડાણા ડેમ બલ્ક પાઈપલાઈન આધારિત લીમખેડા જૂથ પાણી પુરવઠા યોજનાનું અંદાજીત રકમ ૧૦૧.૮૯ કરોડના કામોનું ભૂમિપૂજન લીમખેડા ખાતે કરવામાં આવ્યું..#shaileshbhabhor #MLAGujarat #limkheda #BJPGujarat #Dahod #bjp pic.twitter.com/qd790S1pzq
— Shailesh Bhabhor (@ssbhabhor) March 25, 2023
इस कार्यक्रम में उपस्थित अन्य पदाधिकारियों में सिंगवाड़ तालुका पंचायत प्रमुख कांताबेन डामोर और दाहोद जिला पंचायत उप-प्रमुख रतन भाई शामिल थे। अभी तक कही मीडिया में जसवत सिंह भाभोर और शैलेश भाभोर का इन तस्वीरो को लेकर कोई बयान नही आया है। मगर सोशल मीडिया पर इसको लेकर चर्चा का दौर जारी है। इस सम्बन्ध में दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने फोटो ट्वीट कर गम्भीर सवाल उठाया है।
बिल्किस बानो और उसके बच्चे के साथ दरिंदगी करने वालों को न सिर्फ़ गुजरात सरकार ने आज़ादी दिलवाई बल्कि अब सरकारी कार्यक्रमों में मंच पर भी साथ बिठा रहे हैं। क्या एक सांसद और विधायक को ऐसे लोगों को बढ़ावा देना चाहिए ? देश भर की महिलाओं को क्या संदेश है ? pic.twitter.com/4jx3VgZHWe
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) March 27, 2023
स्वाति मालीवाल ने फोटो ट्वीट कर लिखा है कि ‘बिल्किस बानो और उसके बच्चे के साथ दरिंदगी करने वालों को न सिर्फ़ गुजरात सरकार ने आज़ादी दिलवाई बल्कि अब सरकारी कार्यक्रमों में मंच पर भी साथ बिठा रहे हैं। क्या एक सांसद और विधायक को ऐसे लोगों को बढ़ावा देना चाहिए ? देश भर की महिलाओं को क्या संदेश है?’ इस ट्वीट पर लोगो की प्रतिक्रियाये भी आ रही है और लोग ऐसी तस्वीरों की आलोचना भी कर रहे है।
बताते चले कि शैलेश भट्ट और 10 अन्य लोगों को 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के 14 सदस्यों, जिसमें उसकी तीन साल की बेटी भी शामिल थी, की हत्या करने का दोषी ठहराया गया था। लेकिन इन दोषियों को राज्य सरकार की माफी नीति के तहत 15 अगस्त 2022 को गोधरा की एक उप-जेल से रिहा कर दिया गया था।
बिलकीस बानो के पति याकूब रसूल ने मीडिया से बात करते हुवे कहा है कि वह इन तस्वीरों से हैरान नहीं हैं। उन्होंने कहा, “इन लोगों (दोषियों) को जेल से बाहर निकलते ही सम्मानित किया गया। उन्हें सत्ता में बैठे लोगों के साथ मंच साझा करते हुए देखना हमें आश्चर्यचकित नहीं करता है। न्याय के लिए हमारी एकमात्र उम्मीद अब सुप्रीम कोर्ट है।”
हालांकि 24 मार्च को भारत के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि याचिका पर सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ का गठन किया जाएगा। बानो की वकील शोभा गुप्ता द्वारा भारत के सुप्रीम कोर्ट के सामने पांच बार मामला लाए जाने के बाद इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। याचिका को 27 मार्च को सुनवाई के लिए जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की सुप्रीम कोर्ट खंडपीठ के सामने सूचीबद्ध किया गया है।