तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ: वाराणसी नगर आयुक्त साहब….!, दालमंडी में बजबजाता ये सीवर साफ़ करवा देंगे तो आम नागरिक दुआ बहुत देंगे, बकिया तो ‘आल इज वेल’
तारिक़ आज़मी
वाराणसी: नगर निगम वाराणसी अपने दावे साफ़ सफाई से लेकर प्रकाश व्यवस्था के हेतु बहुत किया करता है। मगर आपका गुज़र बसर अगर बनारस की गलियों में रूबरू है तो आपको इन दावो की हकीकत बेशक पता होगी। क्योकि काशी की गलियों में सफाई व्यवस्था के हाल कैसे है आपको भी पता है और हमको भी। बस बाते दावो और वायदों तक ही सीमित रहती है।
कुछ हद तक तो बाते तब बेहतर थी जब तक स्थानीय निकाय चुनाव नही हुवे थे। चुनाव के पहले तक हमारी रहनुमाई के लिए खड़े लोग आज खुद ही कन्फियुज़ है कि रहनुमा हम बने या फिर पडोसी तो चुनावो की थकान उतर रही है। दरमियान चुनाव वायदे किये, मगर पूरा तब करेगे जब जीतेगे। इसी इंतज़ार में रहनुमाई के दावो वाले थोडा आराम करके चुनावी नतीजो का इंतज़ार कर रहे है।
इन सबके बीच लगभग चार दिनों से दालमंडी के मिर्ज़ा अच्छु कटरे के पास सीवर बजबजा रहा है। स्थानीय नागरिको के द्वारा विभाग को बार बार फ़ोन करके कहा जा रहा है। बस बात यही अटकी है कि सफाई करवाने के लिए रहनुमाई कौन करे? विभाग के कर्मचारी ठन्डे बस्ते में डाले हुवे है। बजबजाते सीवर की यह स्थिति है कि मेनहोल का ढीला ढक्कन पाँव से हिल जा रहा है और लोगो के कपड़ो को गन्दा कर दे रहा है।
स्थानीय जेई की बात करे तो साहब का फोन जो सरकार ने उनको उपलब्ध करवाया है का उठना बड़ी बात होती है। साहब शायद पहचान के नंबर ही उठाते है वरना अक्सर तो मोबाइल ही बंद रहता है। पुरसाहाल कोई है नही, वोट की सियासत खत्म हो चुकी है, तो वोट की चाह भी किसी समाजसेवक की निगाह-ए-करम इस तरफ नही करवा रही है। अब देखना है कि इस बजबजाते सीवर पर साहब लोगो की निगाह-ए-करम कब होगी।