तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ: बुलंदशहर मंदिरों में तोडफोड़ की घटना में हिन्दू मुस्लिम एंगल तलाशता ‘भोपू मीडिया’ घटना के खुलासे पर खामोश क्यों, बुलंदशहर की मुस्लिम आबादी गिनवा रहे थे, अब क्यों नही बोल रहे?
तारिक़ आज़मी
बुलंदशहर जिले के गुलावठी थाना क्षेत्र में एक सप्ताह पहले 4 मंदिरों की 17 देव प्रतिमाओं को खंडित करने के मामले में ‘भोपू मीडिया’ ने जमकर हिन्दू मुस्लिम एंगल तलाशा था। पूरी कोशिश हुई थी कि कैसे अल्पसंख्यको को इसका जिम्मदार बना दिया जाए। कई नफरतो ने सौदागरो ने अपनी नफरतो का लफ्ज़ आपके उस टीवी पर बोला जिसको आप अपना पसंदीदा चैनल समझते है। लिबास सफ़ेद हो तो ज़रूरी नही कि दिल काला न हो। दक्षिणपंथी खबरिया वेब साईट ऑप इंडिया ने तो इस खबर के साथ अपनी खबर में असम के करीमगंज जैसी घटना का हवाला दे दिया था।
रंगों से परहेज़ करने वाले एक बड़े टीवी एंकर ने तो इसको गज़ब का हिन्दू मुस्लिम एंगल देने की कोशिश किया। नियमावली के तहत उसके वीडियो को हम दिखा तो नही सकते है। मगर लफ्जों का निचोड़ बता सकते है कि खुद ही फैसला कर डाला था कि दो सम्प्रदाय जैसे मामले है। हद तो यहाँ तक नफरतो को बढाने की हुई कि बुलंदशहर की मुस्लिम आबादी भी इसके द्वारा बताया जाने लगा। दुसरे को असफल और खुद को सफलता का झंडा गाड़ने वाले ऐसे टीवी चैनल काफी प्रचार प्रसार से इस खबर को उठा रहे थे और नफरती एंगल बढाने लगे थे।
अब वह सभी नफरती ‘भोपू मीडिया’ खामोश हो गए है जब बुलंदशहर पुलिस ने इस घटना का खुलास कल शुक्रवार को कर दिया। पुलिस की 5 टीम बनी थी इसके खुलासे के लिए। सैकड़ो सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई। फिर पुलिस के हाथ उन गिरेबाँ तक पहुच ही गए जो खुद को बहुत ही ज्यादा होशियार समझ रहे थे। बुलंदशहर पुलिस ने इस घटना में जिन चार युवकों को देव प्रतिमाएं तोड़ने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा है उनके नाम में मज़हब की तलाश करने वालो के लबो पर ताले अचानक पड़ गये है। अब वह बुलंदशहर में मुस्लिम आबादी पर अब अपने ज्ञान नही दे रहे है। क्योकि गिरफ्तार सभी 4 युवक हिन्दू समुदाय से ही है।
दरअसल, बुलंदशहर जनपद के गुलावठी कोतवाली क्षेत्र के बराल गांव में 1 जून को जब श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे तो वहां चार मंदिरों की 17 देव प्रतिमाएं खंडित देख हतप्रभ रह गए थे। एक साथ चार मंदिरों में देव प्रतिमाओं को तोड़े जाने को लेकर हिंदूवादी संगठनों में रोष पनप गया। मौके पर खूब जमकर हंगामा हुआ। हंगामा ऐसा कि मौके पर एसएसपी श्लोक कुमार और डीएम सीपी सिंह ने घटनास्थल पर जाकर लोगों को शांत कर जल्द से जल्द वारदात का खुलासा करने का आश्वासन दिया था, साथ ही जन सहयोग से मंदिरों में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा भी अविलंब कराई गई थी। इसी के साथ पुलिस की 5 टीम बना कर मामले के खुलासे हेतु खुद इस टीम को आवश्यक दिशानिर्देश दे रहे थे।
फिर जब खुलासा हुआ तो नफरती लोग हैरान रह गए। बुलंदशहर के एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि इस ब्लाइंड वारदात का खुलासा आसान नही था, लेकिन पुलिस की टीमों ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, बीटीएस, आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगाला जिसके आधार पर पुलिस ने गांव के ही चार युवकों को चिन्हित कर हिरासत में लेकर जैसे ही पूछताछ शुरू की तो अभियुक्तों ने वारदात को अंजाम देने की बात कबूली। एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि ‘गांव के ही हरीश शर्मा के घर में 31 मई की रात को यह साजिश रची गई, जिसके तहत वारदात को अंजाम देने से पहले युवकों ने शराब पी और फिर एक-एक कर 4 मंदिरों को निशाना बनाया और 17 मूर्तियों को खंडित कर दिया। पुलिस को गुमराह करने के लिए कुछ मूर्तियां खेतों में भी फेंक दी थी।’ आरोपियों से पूछताछ के बाद एसएसपी ने बताया कि कुछ मंदिरों में कुछ प्रतिमाएं खंडित होने के कारण उन्हें बदलवाने के लिए युवाओं ने मंदिर में मूर्ति तोड़ने की साजिश रच इस वारदात को अंजाम दिया था।
गुलावठी कोतवाली प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र सिंह ने बताया कि बराल स्टेशन के पास से हरीश शर्मा उर्फ ईलू पुत्र सुरेश, अजय पुत्र राजपाल, शिवम पुत्र सुन्दर व केशव पुत्र दीपचन्द निवासी ग्राम बराल थाना गुलावठी को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से मूर्ति तोड़ने में इस्तेमाल हुआ गैदाला बरामद किया गया है। इस घटना में तीन और आरोपी अभी भी फरार हैं। फरार 3 और अभियुक्तों की तलाश जारी हैं। पुलिस शीघ्र ही फरार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर जेल भेजेगी। इस घटना को अंजाम देने वालो का सरगना हरीश शर्मा है। उसके यहाँ ही सभी अभियुक्त बैठ कर शराब पीते थे और वही प्लानिंग बनी थी।
अब इस खुलासे को लेकर आपका वह ‘भोपू मीडिया’ आपको बताया कि किस तरीके से उसने आपके दिमाग में नफरत भरने की कोशिश किया था। वो एंकर जो बुलंदशहर में मुस्लिम आबादी गिनवा रहा था उसने कुछ लिखा। उस पोर्टल आप इंडिया ने पुलिस द्वारा गिरफ्तार अभियुक्त के ऊपर खबर लिखा कि ‘न भाई मंदिर तोड़ने वाले हिन्दू समुदाय के ही थे।’ जेहाद लफ्ज़ को लेकर नफरत फैलाते इन नफरत के सौदागर की खबरों में आपको अब नया लफ्ज़ मिलेगा ‘गेमिंग जेहाद’। भाई 2024 नज़दीक है तो ये सब करना ही पड़ेगा और आप ऐसे लोगो को सुनते और देखते भी है जो नफरतो की तिजारत आपसे कर रहे है।