उत्तराखंड के ऋषिकेश में पिछले दिनों दो मजारो को दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगा तोडा, वीडियो हुआ वायरल, पुलिस ने दर्ज किया अज्ञात के खिलाफ ऍफ़आईआर, कोई गिरफ़्तारी नही
मो0 कुमेल/ईदुल अमीन
डेस्क: उत्तराखंड के ऋषिकेश शहर में देवभूमि रक्षा अभियान नामक एक दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों ने पिछले सप्ताह दो मजारों को ध्वस्त कर दिया और कथित तौर पर अपने कृत्य को सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित किया। द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो सामने आने के बाद उत्तराखंड पुलिस ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, पुलिस अभी भी वीडियो में दिख रहे आरोपियों की पहचान करने में जुटी है।
इस घटना की जिम्मेदारी देवभूमि रक्षा अभियान के संस्थापक दर्शन भारती ने कहा है कि संगठन ने हिंदुओं के स्वामित्व वाली भूमि के अंदर या उस पर बने 25 और मजारों की पहचान की है और उनके सहयोगी आने वाले दिनों में उन सभी को ध्वस्त कर देंगे। बताते चले कि देवभूमि रक्षा अभियान का इस प्रकार का नफरती कृत्य कोई पहला नही है। पुरौला इसका गवाह बन चूका है।
देवभूमि रक्षा अभियान वह संगठन है, जिसने जून महीने में कथित तौर पर एक अंतर-धार्मिक जोड़े के भागने की कोशिश के बाद मुसलमानों को उत्तरकाशी के पुरोला शहर छोड़कर जाने की धमकी देने वाले पोस्टर चिपकाए थे। घटना के बाद कई मुस्लिम परिवारों ने शहर छोड़ दिया था, जिसके बाद उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से कानून व्यवस्था और यहां समुदायों के बीच शांति बनाए रखने को कहा था।
पंजाब केसरी ने इस वायरल वीडियो को अपनी खबर में फेसबुक पेज पर प्रकाशित किया है
सोशल साइट फेसबुक पर उपलब्ध और ट्विटर पर व्यापक रूप से साझा किए गए वीडियो में दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों ने एक हिंदू व्यक्ति घर के पीछे बनी मजार की दीवारों पर हथौड़ा चलाने से पहले ‘जय श्री राम’ का नारा लगाया। उन्होंने मजार को ध्वस्त करने के लिए निर्माण मशीनरी तैनात की और धमकी दी कि वे मुस्लिम समुदाय की और अधिक धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त कर देंगे।
क्या कहती है पुलिस
श्यामपुर पुलिस चौकी के प्रभारी जगत सिंह ने द हिंदू को बताया कि पुलिस ने समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ स्वत:संज्ञान लेते हुए शिकायत दर्ज की है, क्योंकि विध्वंस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। सिंह ने कहा, ‘जिस जमीन पर ये मजारें स्थित हैं, उसके मालिकों ने हमें बताया कि उन्होंने अपनी इच्छा से इनका निर्माण किया था। ये मजार अतिक्रमण नहीं थे।’