जम्मू कश्मीर: चरमपंथियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के दो कैप्टन और एक जवान शहीद, मुठभेड़ जारी
निसार शाहीन शाह
डेस्क: जम्मू एवं कश्मीर के राज़ौरी ज़िले में बुधवार को चरमपंथियों के साथ हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना के दो कैप्टन और एक जवान शहीद हो गए है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, ये मुठभेड़ अभी भी जारी है और दो चरमपंथियों के छिपे होने की बात सामने आई है। अधिकारियों ने बताया है कि इस मुठभेड़ में कैप्टन रैंक के दो सैन्य अधिकारी और एक जवान की मौत हुई है जबकि एक मेजर और दो जवान भी घायल हुए हैं।
Another Army personnel killed in encounter with terrorists in Jammu and Kashmir's Rajouri; toll now 3, including two captains: Officials
— Press Trust of India (@PTI_News) November 22, 2023
घायलों को उधमपुर स्थित आर्मी कमांड हॉस्पिटल में शिफ़्ट किया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि सेना और पुलिस धर्मसाल इलाके के बाजीमाल में तलाशी अभियान चला रही थी। इस दौरान चरमपंथियों के साथ मुठभेड़ शुरू हो गई। अधिकारियों ने कहा है कि इस अभियान में अतिरिक्त सशस्त्र बलों को बुलाया गया है।
एक स्थानीय निवासी ने बताया है कि इस क्षेत्र में रविवार से ही नाकाबंदी और सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था, इस वजह से हमें घर में रहने की हिदायत दी गई थी। हम लोग तभी से घरों में हैं और हमारे बच्चे भी स्कूल नहीं गए। गांव के पास जंगल के इलाके में गोलीबारी जारी है। अधिकारियों ने बताया है कि बाजीमाल में मुठभेड़ वाली जगह पर फंसे दो चरमपंथी विदेशी नागरिक लग रहे हैं और इस क्षेत्र में रविवार से घूम रहे थे।
उनके एक धार्मिक स्थल पर भी पनाह लेने की भी ख़बर है। सीमावर्ती ज़िले राजौरी और पुंछ में पिछले डेढ़ साल में चरमपंथी घटनाओं में वृद्धि देखने को मिली है। बीते सितम्बर में अनंतनाग के कोकरनाग इलाक़े में सेना और चरमपंथियों के बीच मुठभेड़ में कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोंचक और डीएसपी हुमायूं मुज़म्मिल भट्ट मारे गए थे।
हाल ही में 17 नवंबर को राजौरी ज़िले के गुलेर बहरोत क्षेत्र में सुरक्षाबलों और चरमपंथियों के बीच हुई मुठभेड़ में एक चरमपंथी की मौत हुई थी। इससे पहले सात अगस्त को पुंछ ज़िले के देगवार क्षेत्र में आर्मी की ओर से सीमा पार से घुसपैठ करने का प्रयास करते एक चरमपंथी को गोली मार दी गई थी। यही नहीं, पांच मई को राज़ौरी ज़िले की केसारी पहाड़ी क्षेत्र में चरमपंथियों के साथ मुठभेड़ में आर्मी के पांच जवान मारे गए थे।