केंद्र सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम-2023 पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं का किया सुप्रीम कोर्ट में विरोध

तारिक़ खान

डेस्क: नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम-2023 पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं का विरोध किया। इस नए कानून में चुनाव आयुक्तों का चयन करने वाली समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को हटा दिया गया था।

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, याचिका पर जवाब पेश करते हुए सरकार ने इसे राजनीतिक विवाद खड़ा करने का प्रयास बताया। सरकार ने हलफनामे में कानून का बचाव करते हुए इसे चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का अधिक लोकतांत्रिक, सहयोगात्मक और समावेशी अभ्यास बताया। सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ताओं का मामला इस ‘मौलिक भ्रांति’ पर आधारित है कि किसी संस्थान की स्वतंत्रता तभी कायम रहती है जब चयन समिति एक विशेष फॉर्मूलेशन वाली हो। सरकार ने चुनाव आयोग की स्वायत्तता पर कार्यपालिका के अतिक्रमण के दावों को भी खारिज कर दिया।

यह याचिका कांग्रेस नेता जया ठाकुर और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर किया गया है। दायर याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति कार्यपालिका के हाथों में छोड़ना लोकतंत्र के स्वास्थ्य और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव के संचालन के लिए हानिकारक होगा।

 

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *