मैसूर की अदालत ने कर्णाटक के सीएम सिद्धरमैया की पत्नी को ज़मीन आवंटन किये जाने के मामले की जाँच करने का दिया निर्देश

आफताब फारुकी

डेस्क: जन प्रतिनिधि कोर्ट ने मैसूर की लोकायुक्त पुलिस को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी को ज़मीन आवंटित किए जाने के मामले में जांच शुरू करने का निर्देश दिया है। स्पेशल कोर्ट के जज संतोश गजानन भट ने स्रीमयी कृष्णा की शिकायत पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत जांच शुरू करने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने आदेश दिया कि लोकायुक्त पुलिस एफआईआऱ दर्ज कर 24 दिसंबर 2024 तक जांच पूरी करेगी। स्पेशल कोर्ट का ये ऑर्डर कर्नाटक हाई कोर्ट के कल के निर्णय के बाद आया है। एक दिन पहले यानी मंगलवार के फ़ैसले में हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री की याचिका को रद्द कर दिया गया था, जिसमें राज्यपाल थावरचंद गहलोत के मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ दिए जांच के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी।

मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमयूडीए) ने सीएम सिद्दारमैया की पत्नी बीएम पार्वती को 14 जगहों पर प्लाट का आवंटन किया था। आरोपों के मुताबिक़ एमयूडीए ने उनकी 3।16 एकड़ ज़मीन पर अवैध ढंग से कब्ज़ा किया था। ये ज़मीन उन्हें उनके भाई बीएम मल्लिकार्जुनस्वामी की तरफ से 20 साल पहले उपहार स्वरूप दी गई थी। इसी ज़मीन के बदले एमयूडीए ने उन्हें 14 जगहों पर ज़मीन दी है।

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