कार्यकाल के आखरी दिन बोले सीजेआई चंद्रचूड ‘ज़रूरतमंदों और जिन लोगों से वह कभी ना मिले और ना ही उन्हें जानते थे, उनकी सेवा करने में सक्षम होने से बड़ी कोई भावना नहीं है’
फारुख हुसैन
डेस्क: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का आज सुप्रीम कोर्ट में आखिरी दिन था। हालांकि उनका कार्यकाल आगामी 10 नवंबर को समाप्त हो रहा है। उन्होंने आज अपने कार्यकाल के आखरी दिन कहा कि ज़रूरतमंदों और जिन लोगों से वह कभी ना मिले और ना ही उन्हें जानते थे, उनकी सेवा करने में सक्षम होने से बड़ी कोई भावना नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट को अलविदा कहते हुए उन्होंने कहा, ‘ज़रूरतमंदों और जिन लोगों से वह कभी ना मिले और ना ही उन्हें जानते थे, उनकी सेवा करने में सक्षम होने से बड़ी कोई भावना नहीं है।’ अपने आखिरी दिन सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने चार न्यायाधीशों की पीठ का नेतृत्व किया, जिसमें मनोनीत मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे।
उन्होंने यह भी कहा, ‘मैं इस कोर्ट में महान लोगों की उपस्थिति से और इस कुर्सी पर बैठकर आने वाली ज़िम्मेदारी के बारे में हमेशा से अवगत था। लेकिन आख़िर में, यह एक व्यक्ति के बारे में नहीं है, यह एक संस्था और उन न्याय के मुद्दे के बारे में है जिसे हम यहां कायम रखते हैं।’