संभल शाही जामा मस्जिद केस में सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की रफ़्तार पर लगाया रोक, मस्जिद कमेटी से कहा ‘आप हाई कोर्ट जाए, वहाँ तीन दिन में सुनवाई होगी’

तारिक आज़मी

डेस्क: संभल स्थित शाही जामा मस्जिद मामले में सुपर फ़ास्ट स्पीड में रफ़्तार दिखा कर आदेश देने और तत्काल आदेश का पालन करने की सुपर फ़ास्ट स्पीड को आज सुप्रीम कोर्ट ने रोक दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संभल की शाही जामा मस्जिद मामले पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत के आगे की सुनवाई करने पर रोक लगाते हुवे याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने को कहा है। कानूनी मामलों को रिपोर्ट करने वाली लाइव लॉ वेबसाइट के मुताबिक़, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने को कहा है।

साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा है, ‘जब तक सर्वे के आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद कमिटी की याचिका हाई कोर्ट में सूचीबद्ध नहीं हो जाती तब तक निचली अदालत इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेगी।’ सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में रखा जाए, उसे बीच में नहीं खोला जाए। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश प्रशासन से कहा, ‘शांति और सद्भाव बना रहना चाहिए।’

मस्जिदों में मंदिर तलाशने के मामले में विख्यात हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया, ‘सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमिटी से कहा है कि इस मामले की याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर करिए। जब भी याचिका दायर की जाएगी, उसके तीन दिन के भीतर वो लिस्ट हो। तब तक के लिए ट्रायल कोर्ट की सुनवाई रुकी रहेगी और एडवोकेट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट बंद लिफाफे में दायर करेंगे।’

वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील सुलेमान खान ने बताया, ‘सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि संभल में शांति और सद्भाव बना रहे। जब तक जामा मस्जिद कमिटी की याचिका की सुनवाई हाई कोर्ट में नहीं हो जाती तब तक निचली अदालत कोई कार्रवाई नहीं करेगी।’ सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले पर संभल के सांसद ज़िया उर-रहमान बर्क़ ने कहा, ‘हम सुप्रीम कोर्ट इसी उम्मीद से गए थे कि वहां से हमें फ़ैसला मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने जो फ़ैसला दिया है, वह क़ाबिले तारीफ़ है। कोर्ट ने प्रशासन को हिदायत दी है कि वे निष्पक्ष रहें। शुरू से ही हमारी समाजवादी पार्टी जांच कमिटी की मांग कर रही है। लेकिन जो जांच कमिटी का गठन होना चाहिए वो मौजूदा सुप्रीम कोर्ट के जज के नेतृत्व में होना चाहिए तभी इसमें इंसाफ़ होगा।’

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘कोर्ट के आदेश का सरकार हमेशा पालन करती है। समाजवादी पार्टी लगातार कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करती है। मैं कोर्ट के आदेश का स्वागत करता हूं। समाजवादी पार्टी को मैं आगाह करता हूं कि वे माहौल ख़राब करने का काम ना करें।’ राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “कोर्ट के फ़ैसले का हम स्वागत करते हैं। हम आदेश का सम्मान करेंगे और उसी हिसाब से काम करेंगे। किसी भी व्यक्ति को क़ानून हाथ में नहीं लेने देंगे। लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखेंगे। निष्पक्ष जांच कराएंगे।’

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