विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व वैज्ञानिक ने काम के घंटो पर कहा ‘आपको अपने शरीर की सुननी चाहिए, जब शरीर को आराम की ज़रूरत हो तो करना चाहिए’

आफताब फारुकी
डेस्क: विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक और स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाहकार सौम्या स्वामिनाथन ने व्यक्ति के काम करने के घंटों को लेकर एक बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि लोगों को अपने शरीर की सुननी चाहिए और जब शरीर को आराम की ज़रूरत हो तो करना चाहिए। ऐसा न करने की स्थिति में आपकी कार्य क्षमता प्रभावित हो सकती है।
स्वामिनाथन ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा कि छोटे अंतराल के लिए बहुत ज़्यादा काम किया जा सकता है, जैसा कोविड-19 के दौरान देखने को मिला था मगर, लंबे समय के लिए ऐसा नहीं हो सकता है। सौम्या स्वामिनाथन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि उत्पादकता काम की गुणवत्ता पर निर्भर करती है ना कि काम करने के लिए ख़र्च किए गए समय पर।
सौम्या स्वामिनाथन ने कहा, ‘मैं जानती हूं कि कुछ लोग बहुत कठिन परिश्रम करते हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि यह एक व्यक्तिगत मामला है। जब आप थक जाते हैं तो आपका शरीर आपको बताता है। तब आपको अपने शरीर की बात सुननी चाहिए। आप कुछ महीनों के लिए कठिन परिश्रम कर सकते हैं, जैसा कोविड के दौरान हमने किया था। मगर, क्या हम इसे कई सालों तक जारी रख सकते हैं? मुझे तो नहीं लगता।’
उन्होंने कहा, ‘उन दो-तीन वर्षों के लिए हमने ऐसा किया। हमने ज़्यादा नींद भी नहीं ली। हम ज़्यादातर समय तनाव में थे। कई बातों को लेकर चिंतित थे। खासतौर पर स्वास्थ्य की देखभाल से जुड़े लोग। वे लोग दिन-रात काम कर रहे थे। उसके बाद कई लोगों ने यह प्रोफ़ेशन ही छोड़ दिया। छोटे समय के लिए ऐसा किया जा सकता है, मगर यह वास्तविक तौर पर स्थायी नहीं है।’