पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: एसआईटी ने 1241 पन्नो की चार्जशीट में बनाये 72 गवाह, कहा ‘करोडो के सड़क निर्माण में हुवे घोटाले की खबर बनी हत्या का कारण

आदिल अहमद
डेस्क: छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में पुलिस ने मंगलवार को स्थानीय अदालत में आरोप पत्र पेश कर दिया है। 1200 से अधिक पन्नों वाले इस आरोप पत्र में पुलिस ने 72 लोगों को मामले का गवाह बनाया है। इस मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल के प्रमुख आईपीएस मयंक गुर्जर ने मीडिया से बात करते हुवे चार्जशीट के सम्बन्ध में जानकारी दिया।
बताते चले कि बीजापुर के 33 वर्षीय टीवी पत्रकार, मुकेश चंद्राकर इस साल 1 जनवरी की रात से लापता हो गए थे। मुकेश चंद्राकर स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर एक निजी न्यूज़ चैनल के लिए काम करते थे। इसके अलावा वो यूट्यूब पर एक लोकप्रिय चैनल ‘बस्तर जंक्शन’ का भी संचालन करते थे, जिसमें वे बस्तर की अंदरूनी ख़बरें प्रसारित करते थे। बस्तर में माओवादियों की ओर से अपह्रत सुरक्षाकर्मियों या ग्रामीणों की रिहाई में मुकेश ने कई बार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। माओवादी प्रभावित क्षेत्र में मुकेश की इज्ज़त सभी करते थे।
एक जनवरी को सुरेश के लापता होने के बाद में 3 जनवरी को उनका शव एक सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया था। यह सेप्टिक टैंक, ठेकेदार सुरेश चंद्रकार के परिसर में था। पुलिस ने दावा किया था कि करोड़ों की सड़क में हुए भ्रष्टाचार की ख़बर एक न्यूज़ चैनल पर दिखाई गई थी। इस ख़बर में मुकेश चंद्राकर की महत्वपूर्ण भूमिका थी, जिससे सड़क निर्माण करने वाले सुरेश चंद्रकार नाराज़ थे।
आईपीएस मयंक गुर्जर जो एसआईटी के प्रमुख थे ने कहा कि मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में चार अभियुक्तों सुरेश चंद्रकार, दिनेश चंद्रकार, रितेश चंद्रकार और महेंद्र रामटेके के ख़िलाफ़ 1241 पन्ने का आरोप पत्र पेश किया गया है। मयंक गुर्जर ने बताया कि, ‘पूरी जांच के दौरान डिजिटल और भौतिक साक्ष्य को बारीकी से देखा गया है और उन्हें उचित तरीके से आरोप पत्र में शामिल किया गया है। हमारी पूरी कोशिश ये है कि दोषियों को माननीय न्यायालय कठोर से कठोर सज़ा दे।’ पुलिस के मुताबिक़ इसी कारण सुरेश चंद्रकार, उनके भाइयों और एक कर्मचारी ने मिल कर मुकेश चंद्राकर की हत्या को अंजाम दिया था।