पलिया तहसील में आरओ के पानी के नाम पर आमजन से किया जा रहा धोख़ा, नियमों को ताक पर रखकर  जगह-जगह खोले जा रहे हैं पानी के प्लांट, जिम्मेदार मौन

फारुख हुसैन

लखीमपुर-खीरी: आजकल आधुनिकता का दौर है और इस आधुनिक युग में हम हर तरीके से आगे बढ़ने की होड़ में जुटे हैं। लेकिन इस आधुनिकता के दौर में हम अपने स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ करने में कोई गुरेज नहीं कर रहे हैं। यह बात आपको जरूर सोचने पर मजबूर कर रही हो कि कि आखिर हम ऐसा क्यों कह रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि हम पानी पीने के लिए जहां हैंड पंप और सप्लाई टंकी का पानी इस्तेमाल करते थे लेकिन उसके बावजूद भी हमारे स्वास्थ्य पर इस पानी का कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ता था लेकिन अब हम इस भागदौड़ भरी जिंदगी में और दिखावे में हैंड पंप और सप्लाई टंकी के पानी पीने से परहेज कर रहे हैं। तो वहीं अब नए फैशन के दौर में आरो के पानी पीने का चलन हमारे बीच लगातार बढ़ता दिखाई दे रहा है। लेकिन आप पानी पीने जा रहे हैं तो जरा संभलिए! पानी पीने से पहले जरा यह पता कर लें कि जो पानी आप पीने जा रहे हैं,

वह स्वच्छ एवं पीने योग्य भी है या नहीं। पलिया एवं आसपास के गांवों में आरओ (रिवर्स ओस्मासिस) के नाम पर लोगों को साधारण पानी ही पिलाया जा रहा है। जबकि दाम आरओ पानी के ही वसूले जा रहे हैं। कम गुणवत्ता होने के कारण इस पानी से लोगों में बीमारियां फैलने का डर भी बना रहता है। कमाल की बात यह है कि पानी के ये प्लांट बिना किसी लाइसेंस के ही शहर में चल रहे हैं।

दरअसल गर्मी शुरू होते ही पानी की किल्लत होना आम बात है। इसी किल्लत काफयदा उठाकर अनेक वाटर सप्लायर मोटा मुनाफ कमाने में लगे हैं। इन्हें लोगों के स्वास्थ्य से ज्यादा अपने व्यवसाय से मुनाफा कमानेकी ज्यादा चिंता रहती है। इसी चक्कर में जैसा पानी मिल जाए, वैसा ही सप्लाई किया जा रहा है, भले ही उसमें फ्लोराइड या टीडीएस की मात्रा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही क्यों न हो । स्वास्थ्य विभाग ने भी इनके विरुद्ध कार्यवाही करने पर मौन साधा हुआ है।

इसी समस्या को पानी का व्यवसाय करने वाले लोगों द्वारा पलिया क्षेत्र में अनेक आरओ फ्ल्टिर चिल्ड वाटर के प्लांट धड़ल्ले से चल रहे हैं। और यही नहीं नगर में लागतार यह प्लांट लगाए जा रहे हैं और जिम्मेदार पूरी तरीके से मौन साधे हुए हैं ।अब तो  हालात ये हो गए हैं कि अब तक पलिया नगर ही नहीं, गांवों में भी ये आरओ फ्ल्टिर चिल्ड वाटर वाले पीने के पानी की सप्लाई करने लगे हैं। मगर इनका पानी स्वच्छ, शुद्ध एवं पीने योग्य होगा,इसकी कोई गारंटी नहीं है।इनके पानी में जल जनित बीमारियों के बैक्टिरिया पाए जाते हैं। जिससे पीलिया, हैजा,डायरिया व टाइफइड जैसी भयानक बीमारियां हो सकती हैं।

ये प्लांटों से पानी लेकर कैन द्वारा शहर में वाटर सप्लाई का कार्य करते हैं। गर्मीं के सीजन में पीने के पानी की खपत अधिक होने से अनेक आरओ उतना पानी फिल्टर ही नहीं कर पाते हैं, जितना पानी आपूर्ति किया जा रहा है। उस पर भी बिजली कट लगना या खराबी के कारण पूरी-पूरी रात बिजली नहीं आने के बावजूद भी वाटर सप्लाई में कोई कमी नहीं आती है और फिल्टर र मशीन चलने के बावजूद भी आरओ फिल्टर का वाटर बताकर पानी बेचा जाता है।

सूत्रों की माने तो और कुछ लोग भीषण गर्मी के सीजन में पीने के पानी की खपत को पूरा करने के लिए आरओ फिल्टर वाटर उतना पानी प्यूरीफाइड  नहीं कर पाते हैं, जितना पानी सप्लाई किया जाता है और अनेक आरओ प्लांट संचालक साधारण पानी में महज बर्फ की सिल्ली डाल देते हैं और उसके ठंडा होने पर सीधे उसे ही सप्लाई कर देते हैं। अगर सही मायने देखा जाए तो हमारे शरीर में सबसे ज्यादा बीमारियां पानी की वजह से ही पनपती हैं पलिया नगर व आसपास के गांव में धड़ल्ले से नियमों को ताक पर रखकर जगह-जगह पानी के प्लांट खोले जा रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रहा है जिससे कहीं ना कहीं स्वास्थ्य के नाम पर यह आरओ संचालक खिलवाड़ करते दिखाई दे रहे हैं।

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