बिहार : गिड़गिड़ाते रहे परिजन, नहीं मिला रास्ता, दो की मौत

गोपाल जी.
बिहार में नीतीश सरकार की नई बालू नीति के खिलाफ गुरुवार को राजद की ओर से बंद का आह्वान दो परिवारों के लिए जानलेवा साबित हो गया. वैशाली और कटिहार में बंद समर्थकों के रास्ता रोके जाने की वजह से दो मरीज अस्पताल नहीं पहुंच पाए और उनकी मौत हो गई.

पहला मामला पटना से सटे हाजीपुर का है. महनार की रहने वाली महिला सोमारी देवी को उसके परिजन गम्भीर हालत में पटना ले जा रहे थे, लेकिन राजद के बंद के कारण एम्बुलेंस जाम में ही फंस गई. जाम के कारण महिला मरीज की गांधी सेतु के टोल प्लाजा के पास पहुंचते-पहुंचते एम्बुलेंस में ही मौत हो गई.

मरीज की मौत होते ही परिजनों में कोहराम मच गया. परिजनों का कहना कि वे बंद समर्थकों से गुहार लगाते रहे लेकिन किसी ने उन्हें नहीं जाने दिया. पीड़ित परिवार ने पुलिस से भी गुहार लगाई गई लेकिन पुलिस ने भी कोई मदद नहीं की. दूसरा मामला कटिहार का है. वहां बंद के कारण इलाज में हुई देरी से एक सरकारी सेवक की मौत हो गई. मृतक का नाम संतोष झा बताया जाता है जिनको इलाज के लिए अस्पताल में पहुंचाने में देरी हो गई. कटिहार के ही जगरनाथ पुरी के रहने वाले संतोष झा रात से ही बीमार चल रहे थे. अचानक तबियत बिगड़ने पर उन्हें कटिहार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाने की कोशिश की गई. मगर जाम के कारण परिजनों को मजबूर होकर फिर सदर अस्पताल का रुख करना पड़ा.

यहां भी राजद कार्यकर्ताओं ने उन्हें सड़क पर रोक दिया. बंद समर्थकों को काफी समझाने और विनती करने के बाद उन्होंने जाने का रास्ता दिया. उसके बाद परिजन संतोष झा को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और रास्ते में ही संतोष झा ने दम तोड़ दिया था. अब परिजन इस जानलेवा बंदी को कोस रहे हैं जिसके कारण संतोष की मौत हो गई. इसके अलावा आरा में भी बंद समर्थकों द्वारा एम्बुलेंस को जाम में रोके रखने की खबर है.

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