बलिया – जी हा साहेब ये पुलिस चौकी है, जिसके भवन में हमारी सुरक्षा करने वाले पुलिस कर्मी खुद सुरक्षित नहीं है
बलिया ।। कहा जाता है कि जनता की सुरक्षा के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया जाता है, और इसके लिए बा़कायदा पुलिस चौकियां बनाई जाती हैं। जब इन पुलिस चौकियों की सुरक्षा पर ही सवाल खडे हो जाएं तो सोच सकते हैं कि जनता का क्या होगा ?
जी हां ऐसा ही बलिया जिले के बैरिया तहसील अंतर्गत सुरेमनपुर पुलिस चौकी मे देखने को मिला यहां सुरक्षा की जिम्मेदार पुलिस चौकी खुद असुरक्षित हैं। तो जरा सोचिए जनता की सुरक्षा के लिए स्थापित पुलिस चौकी अपनी बदहाली के दौर मे कैसे सुरक्षा करेगी। सुरेमनपुर पुलिस चौकी मड़हे में चल रही हैं। इसमें न दरवाजा है और न ही ताला ऐसी स्थिति में पुलिसकर्मी जितनी जिम्मेदारी कानून की रक्षा में निभाएंगे, उससे कहीं ज्यादा अपने असलहों और सामानों पर निगहबानी करनी पड़ती है। बदहाली के दौर से गुजर रही पुलिस चौकी पर नजर डालें तो बदहाल, पुलिस चौकी सुरक्षा पर सवाल खड़ी कर रही है ?
अगर इस पुलिस चौकी के सीमा की बात करें तो राष्ट्रीय राजमार्ग 31 के अलावा उससे जुड़ी माझी पुल व बिहार प्रदेश की सीमा भी है। ग्रामीण क्षेत्र से दियारांचल भी इस चौकी अंतर्गत बिहार सीमा से जुडती है। इस चौकी के समीप सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन है जबकि 7 राजस्व ग्राम पंचायतों के लगभग 50 हजार लोगो की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी उठाने वाली यह पुलिस चौकी खुद असुरक्षित है ।
सुरेमनपुर पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस के जवान तो कैमरे पर कुछ नही बोल पाये लेकिन झोपड़ी मे रखे समान ब्रश पेस्ट ,कागज पेन, पेड़ के टहनी से लटका बल्ब जरूर बोले रहे कि क्या यही 21 वी सदी का विकास है ! या पुलिस का आधुनिकरण यही है ?
जब इस संदर्भ मे क्षेत्रीय भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह से बातचीत की गयी तो उनका कहना था कि बसपा सरकार मे नही बन सका सपा सरकार मे नही बन सका दुर्भा2य से भाजपा मे भी नही बन सका लेकिन अब योगी सरकार मे जरूर बन जाएगा। यह बदहाल पुलिस चौकी उन तमाम प्रतिनिधियो के मुंह पर तमाचा है जो क्षेत्र की झूठी विकास की बात करते है।