मरीज़ों को जीवन दान देते- देते बीमार हुई 108 (आपातकालीन सेवा ) एम्बुलेंस।

जितेन्द्र कुमार.

कौशाम्बी। सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा तेजी से चलाई गई एम्बुलेंस सेवा 108 को वर्तमान में भारी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दे कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा 108 एम्बुलेंस सेवा को उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार से मात्रा बढ़ाते हुए, मेट्रो की रफ्तार दी गयी थी, वर्तमान में उसी तेजी के साथ प्रदेश में उसकी गति पैसेंजर ट्रेन की भांति नज़र आ रही है।
108 एंबुलेंस सेवा में आये दिन कोई न कोई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 108 एम्बुलेंस आयेदिन भारी बीमारियों से घिरी रहती है। अब सवाल ये उठता है कि मरीज़ों को उनके गंतव्य(मंजिल) तक पहुँचाने वाले यंत्र का ही कोई भरोसा नही की कब वो बीच रास्ते मे धोखा दे जाए तो ऐसे में मरीज बेचारा अपनी मंजिल (अस्पताल ) पहुचने से पहले ही दम तोड़ देगा।

108 से जुड़ी एम्बुलेंस की ऐसी शिकायतें तो अब आम हों गयी है। कभी इनकी ब्रेक फेल होती है, कभी टायर पंचर,कभी सेल्फ खराब हो जाने के कारण धक्का की आवश्यकता इत्यादि समस्याए तो 108 एम्बुलेंस सेवा की दिनचर्या में शामिल हो चुकी है। एम्बूलेंसो को दिन प्रतिदिन कहि न कहि दम तोड़ना ही पड़ता है। सवाल उठता है? कि अब ऐसी स्थिति को देखते -देखते जनता का शासन द्वारा दी गयी सुविधाओ से भरोसा उठना लाज़मी है। सरकार को इसके लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। शासन और किसी पर ध्यान न दे लेकिन जो जनता की ज़िंदगी से जुड़ी सेवाएं है उस तो ध्यान देना ही चाहिए। 108 एम्बुलेन्स निशुल्क सेवा का यही हाल रहा तो भविष्य में एम्बुलेंस, मरीज़ तक पहुँचने से पहले ही मरीज़ दम तोड़ देगा।

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