मकर संक्रांति पर आस्था की झड़ी में 80 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

कनिष्क गुप्ता.

इलाहाबाद। सूर्यदेव के उत्तरायण होने की पुण्य बेला यानी मकर संक्रांति पर्व पर तीर्थराज प्रयाग में आस्था व आनंद का संगम हुआ। अलौकिक व अद्भुत आनंद के बीच संत-महात्माओं के साथ लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा-यमुना व अदृश्य सरस्वती के ‘संगम में डुबकी लगाई। संगम के साथ गंगा घाटों पर भी स्नानार्थियों का मेला लगा रहा। मकर संक्रांति के पुण्यकाल में सोमवार की भोर से स्नानार्थियों की भीड़ बढ़ती गई। प्रशासन ने 80 लाख लोगों के स्नान करने का दावा किया है।

मकर संक्रांति पर सुबह से बख्शी बांध के नीचे पहुंचते ही श्रद्धालुओं की आस्था हिलोर मारने लगी। बुजुर्ग, युवा, महिला और पुरुष संगम के पवित्र जल को स्वयं में समाहित करने को बेताब नजर आए। संस्कारों का बीजारोपण करने को वह अपने बच्चों को भी साथ लाये। रविवार को स्नान करने वाले श्रद्धालुओं ने सोमवार को भी डुबकी लगाई। सुबह आठ बजे के बाद शहरियों के मेला क्षेत्र में पहुंचने से भीड़ काफी बढ़ गई।

सैकड़ों एकड़ में फैले मेला क्षेत्र में हर ओर भक्तों का सैलाब नजर आया। संगम के अलावा गंगा के रामघाट, काली सड़क, अक्षयवट मार्ग, गंगोली शिवाला स्नानघाट पर डुबकी लगी। भक्तों ने संगम तट पर पहुंचकर ‘हर-हर गंगे, जय मां गंगे का उद्घोष करते हुए गंगा मइया की गोद में गोता लगाकर जन्मजन्मांतर के पाप से मुक्ति की कामना की। स्नान के बाद सूर्यदेव को जलांजलि अर्पित की, फिर बाहर आकर तीर्थपुरोहित के सानिध्य में यथासंभव दान-पुण्य किया।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने संगम का जल मंगाकर मनकामेश्वर मंदिर में स्नान किया। वहीं अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, जगद्गुरु स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती सहित प्रमुख संत-महात्माओं ने संगम में डुबकी लगाई। सुरक्षा के मद्देनजर मेला क्षेत्र व घाटों पर जगह-जगह पुलिस व पीएसी के साथ जल पुलिस के जवान मुस्तैद रहे।

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