कानून की हथकड़ी पहनाने वाले हाथो में खुद पड़ गई कानून की हथकड़ी, हत्या को दुर्घटना दिखाने वाले डाक्टर और दरोगा समेत 7 गये जेल
अंजनी राय.
बलिया ।। गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मामले में सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय विनोद कुमार सिंह की अदालत ने अभियुक्त डाक्टर, दारोगा समेत सात लोगों को जेल भेज दिया। अग्रिम आदेश के लिए सभी को शुक्रवार को पुन: जिला जेल से तलब किया गया है। गुरुवार को सदर अस्पताल के पूर्व चिकित्साधिकारी डाक्टर विनोद कुमार राय, एसआई जयनाथ यादव, अभियुक्तगण विक्रमा यादव, झिंगुर भर, शिवराम पट्टी, उमेश कुमार पांडेय, सुरेंद्र कुमार पांडेय, स्वामीनाथ यादव को अदालत ने दोष सिद्ध होने पर जेल भेज दिया।
अभियोजन के अनुसार, यह घटना बांसडीह कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत आदर गांव में 25 अक्टूबर, 1995 को हुई थी। उसी गांव की वादी (मृतक की पत्नी) शकुंतला देवी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि मृतक कृपाशंकर शुक्ल के मकान के बगल स्वामीनाथ यादव का मकान है। मृतक अपना बैठका बनवा रहे थे कि इसका विरोध स्वामीनाथ व अन्य मुल्जिमों ने किया। पानी के निकास को लेकर विवाद शुरू हुआ। इसकी सूचना मृतक के भाई थाने पर कई बार दे चुके थे। विवाद में विपक्षियों ने कृपाशंकर शुक्ल को मारकर कुएं में उनका शव फेंक दिया।
पंचनामा एसआइ जयनाथ यादव ने किया। पोस्टमार्टम के लिए शव जिला अस्पताल लाया गया, जहां डाक्टर विनोद कुमार राय द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से हत्या के अपराध को दुर्घटना में परिवर्तित कर एक नया मोड़ दे दिया गया। जब वादी को न्याय की आस नहीं दिखी तो महामहिम राष्ट्रपति को प्रार्थना पत्र भेजा। सीबीसीआइडी द्वारा जांच की गई तो सभी पर आरोप साबित हुआ और अदालत को चार्जशीट प्रेषित की गई।