गरीबो के पेट पर कही चोट तो नहीं पहुच रही है साहेब

संजय राय.
बलिया – उत्तर प्रदेश का बलिया खाद्यान तस्करी में वर्षो से सुर्ख़ियो में रहा है। तीन तरफ से बिहार से घिरे होने के कारण अबैध कारोबारी आसानी से सरकार के खजाने को चुना लगा देते है।
सरकारी सस्ते गल्ले को खाद्यान माफिया उपभोक्ताओं के पेट पर लात मारकर शासन सत्ता का लाभ लेकर  बिहार के बाजार तक पहुँचा देते है और प्रशासनिक अधिकारी मूक दर्शक बनकर देखते रहते है। पिछली सरकार में भाजपा के विधायक रहे उपेन्द्र तिवारी बार बार इस विषय को उछालते रहे पर आज जब भाजपा कि सरकार है और उपेन्द्र तिवारी मंत्री है इस दशा में इनके रिस्तेदार से लेकर सम्बन्धियो तक इस गरीबो को मुहैया होने वाले चावल गेहू को चन्द पैसो के लिए बिहार के बाजार में पहुचाने का कार्य कर रहे है और मूक दर्शक बने है प्रशासनिक अधिकारी ।शिकायत करने पर भी किसी को नहीं फुर्सत ।कौन अपने गले की फास मोले ।दिन कि दुपहरी हो या रात का अँधेरा हर समय खाद्यान माफियाओ की है  चांदी ।सबसे रोचक विषय भरौली बक्सर बार्डर हो या चाँद दियर पुलिस कि बराबर ड्यूटी है अबैध कारोबार को रोकने के लिए पर पुलिस भी हाथ फैलाकर कुछ पैसे लेकर अपने कर्तब्य को पूरा कर लेती है ।सरकारी खजाना न सही अपने पाकेट में कुछ पैसे लेकर इन्हें ह्रास कर अपनी पीठ अपने ही ठोक लेती है ।भले ही गरीबो के चूल्हे की आग न जले देश के विधाताओं की तपिश तो ठंढी हो जाती है ।

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