जिले मे आयुर्वेदिक चिकित्सा पतन की ओर, आखिर कब बहुरेंगे आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के दिन
बलिया ।। रेवती नगर के रेवती सहतवार मार्ग पर जल विद्युत केन्द्र के समीप चार कमरों का आयुर्वेदिक चिकित्सालय फार्मासिस्ट व एक वार्ड ब्वाय के सहारे संचालित हो रहा है। एक दशक से चिकित्साधिकारी का पद रिक्त चल रहा है। पूरे एक साल से दवा की आपूर्ति ठप है। ओपीडी में प्रतिदिन डेढ़ से दो दर्जन मरीज आते हैं किन्तु मरीज को देने के लिए दवा के नाम पर त्रिफला चूर्ण तक नहीं है। फार्मासिस्ट व वार्ड ब्वाय ग्रामीण क्षेत्र के चिकित्सालयों में पहले से बचा खुचा दवा लाकर मरीज को देते हैं। विवशता में मरीजों को बाहर की दवा लिखनी पड़ रही है। सड़क से नीचे अस्पताल तक आने जाने का रास्ता नहीं है। वहीं दो तरफ से बाउंड्री भी नहीं है। एक हैंडपंप है किन्तु आर्सेनिक पानी निकलने की वजह से बंद पड़ा है। फार्मासिस्ट डा.सुरेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि एक इंडिया मार्का हैंडपंप लग जाए तो पेयजल की समस्या का समाधान हो जाएगा। जिले पर ही दवा उपलब्ध नहीं होने से यहां दवाओं का एक वर्ष से टोटा है