लखीमपुर खीरी में पुलिस की बर्बरता

फारुक हुसैन

लखीमपुर खीरी में 2 दिन पूर्व जिला जेल में हुई विचाराधीन बंदी रामकुमार की मौत के बाद शव लेकर घर पहुंचे आक्रोशित परिजनों ने न्याय की मांग को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। परिजनों ने बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ मितौली कस्बे में लखीमपुर -मैगलगंज मार्ग जाम कर दिया। साथ ही शव रखकर प्रदर्शन करने लगे ।बता दे 19 मार्च को मितौली पुलिस द्वारा चोरी के आरोप में रामकुमार को जेल भेजा गया था परिजनों का कहना है कि मितौली पुलिस ने रामकुमार को इतना टॉर्चर कियाकि अंदरूनी चोट के चलते उसकी मौत हो गई ।वही प्रदर्शन के दौरान परिजनों की कई बार पुलिस से झड़प भी हुई। दरअसल पुलिस जबरन शव हटवाना चाह रही थी लेकिन परिजन इसका विरोध कर रहे थे फिर क्षेत्राधिकारी मितौली प्रदीप सिंह के आदेश पर भारी फोर्स ने न्याय मांग रही व दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे परिजनों महिलाओं व ग्रामीणों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा ।यही नहीं पुलिस वालों ने महिलाओं पर भी डंडे बरसाए। खुद क्षेत्राधिकारी इस बर्बरता में पीछे नहीं रहे लाल रंग की हेलमेट पहने क्षेत्राधिकारी के तेवर आप तस्वीरों में साफ देख सकते हैं काबिलेगौर है प्रदेश के पुलिस प्रमुख ने 24 घंटे पहले ही अपनी पुलिस को यह आदेश दिया है कि महिलाओं और बुजुर्गों के प्रति पुलिस जनों द्वारा अतिसंवेदनशीलता बरती जाए लेकिन क्षेत्राधिकारी मितौली के लिए डीजीपी का आदेश कितना मायने रखता है यह तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है

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